बैठक में मिठाई विक्रेताओं से कहा गया कि विक्रेता मिठाई बेचते समय मिठाई के साथ डिब्बे का वजह शामिल नहीं करेंगे। खाली डिब्बों के वजन की लिस्ट भी दुकानों में लगाई जाएगी। त्योहार के दौरान डिब्बों पर खाली डिब्बों के वजन की सील लगाई जाएगी। त्योहारों के बाद जब स्टाक खत्म हो जाएगा और नए डिब्बों पर खाली डिब्बों का नेट वेट प्रिंट कराया जाएगा।
डॉ. बुंदेला ने बताया कि पैक्ड वस्तुओं के लिए तो पहले से नियम बना हुआ है, उसमें सख्ती से कार्रवाई चल रही है। कोई भी पैक्ड वस्तु जो पैकेट में आ रही है तो उसमें मात्रा लिखी होती है। साथ ही उसमें डिक्लेरेशन भी होता है जिसमें निर्माता का नाम, डेट का मैन्यूफैक्चरिंग और डेट ऑफ एक्सपायरी लिखा होना चाहिए। केवल मिठाई का पैकेट पैकेजिंग एक्ट में नहीं आता है। नेट वेट छापने में मिठाई विक्रेताओं का कोई नुकसान नहीं है इसलिए वे भी इसके लिए तुरंत राजी हो गए।
क्या होगा उपभोक्ताओं को फायदा : अमोलिया ने बताया कि डिब्बे पर ही मिठाई और खाली डिब्बे का वजन लिखा होने से उपभोक्ताओं को मिठाई पूरी मात्रा में प्राप्त होगी। उन्होंने का कि इंदौर में कुछ मिठाई व्यापारी पहले ही इस तरह का प्रयोग शुरू कर चुके हैं। जल्द ही यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हो सकती है। इससे व्यापारियों और ग्राहकों के बीच होने वाले विवादों में भी कमी आएगी।