महंगा पड़ा खुले में शौच जाना...

- कीर्ति राजेश चौरसिया 
 
मध्यप्रदेश। सरकार द्वारा लोगों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए विभिन्‍न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर हरदा में तीन लोगों को खुले में शौच जाना महंगा पड़ गया। तहसीलदार ने कार्रवाई कर तीनों को जेल भेज दिया है। 
 
एक तरफ जहां केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए विभिन्य प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के हरदा जिले में तीन लोगों को खुले में शौच जाना महंगा पड़ा गया। तहसीलदार ने कार्रवाई कर तीनों को जेल भेज दिया है। इस कार्रवाई से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है।
 
दरअसल, जिले को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखाना शुरू कर दी है। ऐसे ही तीन लोगों को तहसीलदार और कार्यपालिक दंडाधिकारी एक्का ने जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। 
 
बताया जा रहा है कि नयापुरा गांव के निवासी रामविलास, मांगरूल निवासी अमरसिंह और चिराखान गांव के रहने वाले मनोहर 'स्वच्छ भारत अभियान' के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे थे। वे तीनों लोग खुले में शौच जाते थे और दूसरों को भी शौचालय में जाने से मना कर रहे थे, जबकि दूसरी ओर जिला कलेक्टर श्रीकांत बनोठ से खिरकिया विकासखंड के सारंगपुर और चौकड़ी ग्राम वासियों ने अगले सात दिन में खुले में शौच से मुक्त गांव बनाने का वादा किया है।
 
कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा है कि महिलाओं और बच्चों के बिना इस आन्दोलन को सफल बनाना नामुमकिन है। सुबह 4 बजे से देर रात तक लगातार निगरानी करना कि कोई भी गांव का व्यक्ति बाहर शौच न जाए और सभी लोग शौचालय का उपयोग करें।
 
उन्होंने कहा कि वास्तव में यह आन्दोलन लोगों की आदत को बदलने का आन्दोलन है। जब तक लोगों को इसकी आदत नहीं पड़ जाती तब तक निगरानी समिति और बाल और महिला कमांडो लगातार निरीक्षण जारी रखें। कोई भी आन्दोलन जनता के सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता है।

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