विपक्षी दल ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में दो दशकों तक सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी की पिछली सरकारों ने कभी भी उस बंद पड़ी फैक्टरी की सफाई नहीं की, जहां रासायनिक अपशिष्ट पड़ा था। यह आरोप-प्रत्यारोप पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ, जहां इस सप्ताह की शुरुआत में 337 टन यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट को जलाने के लिए ले जाया गया है।
यादव ने कहा कि त्रासदी के बाद 20 साल तक कांग्रेस की सरकार सत्ता में रही, लोग मारे गए, न तो उन्होंने पीड़ितों की चिंता की और न ही खतरनाक कचरे के निपटान की चिंता की, क्योंकि उनके पास आत्मा नहीं है, ये निर्दयी लोग हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार (कचरा निपटान के संबंध में) उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए देश के लोगों को सुरक्षित रखेगी।
कांग्रेस नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने एक्स पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि पिछले दो दशकों में ज्यादातर समय भाजपा सत्ता में रही है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह भी भाजपा सरकार के मुखिया थे, तो यूनियन कार्बाइड कचरे पर कोई चर्चा क्यों नहीं हुई? मौन बाबू (मोहन यादव) को लगता है कि उनकी सरकार भाजपा की (एकमात्र) सरकार है। वे शिवराज सिंह चौहान के चार कार्यकाल को भाजपा सरकार नहीं मानते।
गौरतलब है कि 2 और 3 दिसंबर 1984 की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्टरी से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस लीक हुई थी, जिसमें कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहीं।