भोपाल। कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी दिए जाने और कैबिनेट में अपना कद कम किए जाने से नाराज चल रहे मंत्री नागर सिंह चौहान आखिरकार मान गए है। मंगलवार देर रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ दिल्ली से भोपाल पहुंचे नागर सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि बैठक में नागर सिंह चौहान को दो टूक शब्दों में बता दिया गया कि विभागों में फेरबदल केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद ही किया गया। इसके साथ ही उनकी पत्नी के लोकसभा सांसद बनाए जाने का भी हवाला देकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पहुंचे नागर सिंह चौहान ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। हलांकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की आस लेकर दिल्ली पहुंचे नागर सिंह चौहान को निराशा ही हाथ लगी और किसी भी सीनियर नेता से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।
इस्तीफा देने की दी थी धमकी- डॉ. मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान रामनिवावस रावत को वन और पर्यावरण मंत्री बनाए जाने से नाराज थे और उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा देने की धमकी थी। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पत्नी अनिता सिंह चौहान जो झाबुआ से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुई है उनके भी इस्तीफा देने की बात कही थी। गौरतलब है कि रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी थी जो अब तक नागर सिंह चौहान के पास थी।
आदिवासी नेता और चौथी बार के विधायक नागर सिंह चौहान कैबिनेट में अपना कद कम होने से नाराज थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस से आने वालों को पार्टी में ज्यादा तरजीह दी जा रही है। इतना ही नहीं नागर सिंह चौहान ने कहा कि अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, बड़वानी, धार, खरगोन के आदिवासी भाईयों ने मुझ पर भरोसा किया था कि मैं उनके लिए विकास करूंगा। लेकिन सरकार द्वारार मेरे मुख्य पद ले लेने के बाद मैं विकास नहीं कर पाऊंगा और उनकी उम्मीदरों को खरा नहीं उतर पाऊंगा। उन्होंने आगे कहा कि मेरे विभाग ले लेने के बाद अब मंत्री बने रहने का कोई औचित्य नहीं रहता है।