नर्मदा का जलस्तर गिरा, सकते में प्रशासन

जीतेन्द्र वर्मा
अल्प वर्षा के कारण होशंगाबाद जिले में गर्मी की शुरुआत से पहले ही प्रदेश की जीवनरेखा मां नर्मदा का जलस्तर बहुत गिर गया है। संकरी होती नर्मदा की धार देखकर प्रशासन सकते में आ गया है।
 
 
जल संरक्षण के लिए विशेष मुहिम चलाई जा रही है। वहीं नलकूप खनन पर रोक लगा दी गई है। होली पर नर्मदा घाट पर रंग लगाकर स्नान करने पर भी रोक लगा दी गई है। 
 
होशंगाबाद के सेठानी घाट, परमहंस घाट पर लगभग आठ सौ मीटर चौड़े किनारे में नर्मदा नदी उत्तरी दिशा में संकरी हो गई है। जगह-जगह टापू निकल आए हैं। परमहंस और विवेकानंद घाट पर तो हालत बहुत चिंताजनक हैं। यहां पैदल ही नर्मदा पार की जा सकती है। गर्मी तेज होने पर जलसंकट की आशंका ‍बढ़ गई है। 
जानकारी के मुताबिक, पिछले वर्ष इन दिनों में नर्मदा का जलस्तर दो मीटर 43 सेंटीमीटर के करीब था। वर्तमान में जलस्तर एक मीटर 96 सेंटीमीटर के लगभग पहुंच गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में भू-जलस्तर 80 से 100 और शहरी इलाकों में 50 से 55 फुट रहता है। अल्प वर्षा के कारण नदी का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है।
 
नलकूप खनन पर रोक : जलस्तर को स्थाई रखने के लिए प्रशासन ने नलकूप खनन पर रोक लगा दी है। बहुत आवश्यक होने पर अनुभिभागीय स्तर के अधिकारी के अधिकारी की जांच के बाद अनुमति देने की व्यवस्था की गई है। पंचायतों को भी जल संरक्षण के लिए काम करने के आदेश दिए गए हैं। 
 
इनका कहना है :  एडीएम मनोज सरियाम का कहना है कि पहली बार नर्मदा का जलस्तर इतना कम हुआ है। जल संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पंचायतों को भी आदेश जारी कर दिए गए हैं। नलकूप खनन पर रोक लगा दी गई है साथ ही जलस्तर की मॉनिटरिंग के लिए टीम लगी हुई है।

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