भोपाल। राजधानी भोपाल में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हमीदिया अस्पताल में स्थित कमला नेहरू हॉस्पिटल के चिल्ड्रेन वार्ड में आग लगने से मासूम बच्चों की मौत और तीन दर्जन से ज्यादा बच्चों के गंभीर रुप से घायल होने ने एक नहीं कई कई सवाल खड़े कर दिए है। अस्पताल में हुए अग्निकांड में मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 7 तक पहुंचने की भी खबर है लेकन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है। अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले पर पर्दा डालने की लगातार कोशिश कर रहा है। अस्पताल के अंदर परिजनों के साथ मीडियाकर्मियों के प्रवेश को रोक दिया गया है।
इसके साथ ही प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में स्थित कमला नेहरु अस्पताल ने पिछले 15 सालों से फायर एनओसी लेने की जहमत तक नहीं उठाई। इसके साथ 8 मंजिला कमला नहेरु अस्पताल में आग के साथ किसी भी आपात स्थिति में बचाव के लिए कोई पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। अस्पताल के हर फ्लोर पर लगे फायर एक्सटींग्यूर काम नहीं कर रहे थे।
कमला नेहरु अस्पताल भोपाल गैस पीड़ितों के लिए डेडिकेटेड अस्पताल है और यहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंचते है। अस्पताल में अव्यवस्था का आलम यह है कि अस्पताल में दाखिल होने का एक मात्र रास्ता है जो काफी संकरा है, इसके साथ सीढ़ियों पर बड़ी संख्या में इलाज के लिए भर्ती मरीज के परिजन रहते है। इसके साथ यहां ओपीडी के पर्चे बनवाने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगती है।
राष्ट्रीय बाल आयोग ने तलब की रिपोर्ट- कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने और धुंआ से चार बच्चों की मौत मामले को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग राज्य सरकार से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने की घटना को लेकर मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की जा रही है। प्रियंक कानूनगो ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर आयोग आगे निर्णय लिया।
हादसे की शुरु हुई जांच-उधर कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने की जांच भी शुरु हो गई। एसीएस हेल्थ मोहम्मद सुलेमान ने कमला नेहरू अस्पताल में पहुंच जांच शुरु कर दी। वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग भी अस्पताल पहुंचे और अस्पताल के गेट पर इक्ट्ठा परिजनों से बातचीत कर उन्हें समझाने बुझाने की कोशिश की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए है।