नीमच जिले में तबाही और बर्बादी की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही। इस तबाही की बारिश का उस समय रौद्र रूप हो गया, जब गांधीसागर बांध के कैचमेंट एरिया का बैक वॉटर जिले के 10 से अधिक गांवों और कस्बों में घुस गया। डेम बनने के बाद यह पहला मौका था, जब चंबल नदी का पानी रिंगवॉल को पार कर रामपुरा नगर में घुस गया।
जिला कलेक्टर अजय गंगवार ने बताया कि वे पूरी रात रामपुरा सर्कल में ही थे। इस दौरान करीब ढाई हजार लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया जिसमें हमें प्रशासन, पुलिस, सीआरपीएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों की भरपूर मदद मिली।
गंगवार ने कहा कि गांधीसागर का वॉटर लेवल बढ़ने के कारण यह बैक वॉटर गांवों में घुसा। इस मामले में रामपुरा निवासी इसहाक खान ने कहा कि ऐसी तबाही हमने कभी नहीं देखी। करीब 200 से अधिक दुकानें पानी में जलमग्न हो गईं और करीब आधा शहर पानी में डूबा हुआ है। इसके अलावा आसपास के 10 से अधिक गांव खाली करवाए जा चुके हैं।
एसपी नीमच, राकेश कुमार सगर ने बताया कि देवरान, ब्रह्मपुरा, जोड़मी, सोनड़ी, मोकमपुरा, राजपुरिया, आंतरी बुजुर्ग, महागढ़ आदि गांवों में भी चंबल का पानी घुसने के कारण ग्रामीणों को विस्थापित किया गया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।