कम हुआ बांध टूटने का खतरा, पानी में बह गए 300 करोड़, जिम्मेदार कौन?
रविवार, 14 अगस्त 2022 (15:44 IST)
धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध की एक दीवार में दरार दिखने के बाद बांध को खाली करने के लिए एक समानांतर चैनल बनाया गया है। रविवार तड़के तीन बजे इस बांध से समानांतर चैनल के जरिये पानी निकलना शुरू हो गया है। इसके साथ ही बांध की दीवार पर पानी का दबाव कम होने लगा है, जिससे इस बांध के टूटने का खतरा भी अब कम हो गया है। अब सवाल उठ रहा है कि बांध के निर्माण में लगे 300 करोड़ की बर्बादी का जिम्मदार कौन हैं?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि मैं अपनी पूरी टीम के साथ अभी भी वल्लभ भवन के कंट्रोल रूम में बैठा हूं। सीएस, डीजीपी, एसीएस सहित पूरी टीम धार जिले के कारम बांध पर नजर रखे हुए है। जनता पूरी तरह से सुरक्षित रहे इसके लिए युद्ध स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है।
मैं अपनी पूरी टीम के साथ अभी भी वल्लभ भवन के कंट्रोल रूम में बैठा हूं।
सीएस, डीजीपी, एसीएस सहित पूरी टीम धार जिले के कारम बांध पर नजर रखे हुए है।
जनता पूरी तरह से सुरक्षित रहे इसके लिए युद्ध स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है। pic.twitter.com/IbsCvYmG7x
उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता है कि जनता की जिंदगी की सुरक्षा और मवेशियों को कोई नुकसान ना पहुंचे और इसके लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। आप सब का पूर्ण सहयोग मिलेगा, यह मेरा विश्वास भी है और अपील भी है। मैं अपने उन भाई-बहनों का आभारी हूं जो प्रशासन की बात मान सुरक्षित स्थानों पर गए हैं। उन्हें घर से बाहर जाने में दिक्कतें होती हैं, लेकिन सभी पूरा सहयोग कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के धार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर कारम नदी पर 300 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस बांध की दीवार से गुरुवार से पानी के रिसाव हो रहा था। रिसाव और मिट्टी गिरने से बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया था। इसी आशंका के मद्देनजर यहां शनिवार को आपदा प्रबंधन के लिए सेना एवं एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। कई गांवों को खाली करा लिया गया।
इसके अलावा, वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत लोगों को बचाने के लिए भेजा जा सके। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे 18 गांवों को शुक्रवार को एहतियातन खाली कराके लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में भेज दिया है।
इस बीच धार में हो रही बारिश भी रुक गई। इससे इस बांध में आसपास के ऊपरी इलाकों से और पानी आना बंद हो गया है। इससे भी बांध को बचाने में मदद मिली है। यदि इलाके में बारिश नहीं रुकती, तो स्थिति जटिल हो सकती थी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बांध की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने रविवार सुबह मौके पर उपस्थित मंत्रियों से स्थिति की जानकारी ली। इसके साथ ही राहत केंद्रों में रखे गये प्रभावित लोगों की समुचित व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं।
सीएम चौहान ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा कर उन्हें निर्माणाधीन बांध से निकाले जा रहे पानी की यथास्थिति की विस्तृत जानकारी दी एवं शासन के विभिन्न प्रयासों से अवगत कराया।