भोपाल। राज्यसभा विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। चुनाव आयोग ने 56 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव का पूरा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। मध्यप्रदेश में भी 5 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। इन पांच राज्यसभा सीटों में वर्तमान में 4 पर भाजपा और एक पर कांग्रेस का कब्जा है। विधानसभा की मौजूदा सदस्य संख्या के मुताबिक यहीं समीकरण बना रहेगा।
राज्यसभा का सियासी समीकऱण–मध्यप्रदेश में राज्यसभा की कुल 11 सीटें हैं, जिनमें से आठ सीटें भाजपा के पास और कांग्रेस वर्तमान में तीन सीटों पर काबिज है। प्रदेश की पांच राज्यसभा सीटों के मौजूदा सदस्यों केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री एल मुरूगन, कैलाश सोनी, अजय प्रताप सिंह और कांग्रेस के राजमणि पटेल का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में भाजपा के पास 163 सीटें और कांग्रेस के पास 66 सीटें है। राज्यसभा चुनाव के एक सीट के लिए 38 विधानसभा सदस्यों का वोट चाहिए। ऐसे में वर्तमान सदस्य संख्या के मुताबिक भाजपा के खाते में 4 सीटें और कांग्रेस के खाते में 1 सीटें जाना तय माना जा रहा है।
राज्यसभा के कौन दावेदार?-राज्यसभा चुनाव में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधानन को फिर से एक मौका दे सकता है। वहीं तीन अन्य सीटों पर नए चेहरों को राज्यसभा भेजने का फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ले सकता है। भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए टिकट के दावेदारों में प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम सबसे आगे माना रहा है। विधानसभा चुनाव में दतिया से हार का सामना करने वाले नरोत्तम मिश्रा को पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राज्यसभा भेज कर उनकी वरिष्ठता का फायदा उच्च सदन और प्रदेश में ले सकता है।
इसके साथ लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा जातिगत समीकरण को साधने के लिए राज्यसभा चुनाव में ओबीसी वर्ग और आदिवासी चेहरों पर दांव लगा सकती है। विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले केंद्रीय फग्गन सिंह कुलस्ते को पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। इस तरह ओबीसी वर्ग से आने वाले किसी नए युवा चेहरे पर भी पार्टी दांव लगा सकती है।
राज्यसभा के लिए रिक्त हो रही 5 सीटों मे से एक पर कांग्रेस के राजमणि पटेल का कब्जा है। विधानसभा के सदस्यों के समीकरण के मुताबिक कांग्रेस के पास एक सीट रहेगी। ऐसे में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा का उम्मीदवार कौन होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी है। कांग्रेस की ओर से राज्यसभा टिकट के दावेदारों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, सज्जन सिंह वर्मा, कांतिलाल भूरिया टिकट के दावेदारों में है। वहीं विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में नई पीढ़ी को पार्टी की कमान सौंपने के बाद अब कांग्रेस हाईकमान राज्यसभा के लिए किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकता है। कांग्रेस हाईकमान विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भी राज्यसभा भेज सकती है।
वर्तमान में मध्यप्रदेश से राज्यसभा भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रतिनिधित्व करते है तो भाजपा ने कुछ नए चेहरों को भी राज्यसभा भेज कर प्रदेश में नई लीडरशिप को आगे बढ़ाया है। 2020 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को राज्यसभा भेजा था। इसके साथ भाजपा ने सुमित्रा वाल्मिकी, कविता पाटीदार और सुमेर सिंह सोलंकी को राज्यसभा भेजकर जातीय समीकरणों को भी साधा है। वहीं कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के साथ ही विवेक तन्खा को राज्यसभा भेजकर अनुभवी और वरिष्ठता की तरजीह दी है।