कोरोना संक्रमण के समय से प्रदेश के स्कूल अब तक सिर्फ ट्यूशन फीस ले रहे थे। स्कूल शित्रा विभाग की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण और स्कूलों के भौतिक संचालन के दृष्टिगत रखते हुए 8 जुलाई 2021 को जारी आदेश शून्य किया जाता है। स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया है।
क्या था पुराना आदेश-8 जुलाई 2021 को सरकार ने आदेश जारी कर कहा था कि प्राइवेट स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही जमा करवा सकेंगे। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों या पालकों को शिक्षण-शुल्क के अतिरिक्त अन्य कोई फीस पर अगले आदेश तक जमा करने पर सरकार ने रोक लगा दी थी। इसके साथ ही प्राइवेट स्कूलों को 2021-22 में आगामी आदेश तक किसी भी प्रकार की फीस वृद्धि पर भी रोक लगा दी गई थी। प्रदेश के सभी सीबीएसई, आईसीएसई, म.प्र. माध्यमिक शिक्षा मण्डल और अन्य बोर्ड से संबद्ध गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों पर यह निर्देश समान रूप से लागू था।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने किया स्वागत- सरकार के इस फैसले के बाद प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि सरकार का यह एक अच्छा फैसला है। अब तक हाईकोर्ट के निर्णय के मुताबिक सिर्फ ट्यूशन फीस ले जा रही थी। अब जब स्कूल खुल गए है बसों का संचालन शुरु हो गया है और अन्य खर्चे बढ़ गए है तब स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस लेने की छूट मिलने की जरुरत थी और सरकार ने अब यह निर्णय ले लिया है। वह कहते है कि स्कूल पूरी तरह से खुलने से अब सीधा फायदा छात्रों का होगा।