भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की चयन प्रक्रिया और उसके बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन पर अब पार्टी हाईकमान ने सख्त तेवर दिखाए है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया और उसके विरोध को लेकर पार्टी के नेताओं को जमकर फटकार लगाई है। सोमवार को पार्टी पर्यवेक्षकों की बैठक में राहुल ने पार्टी नेताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि कांग्रेस जिला अध्यक्षों के चयन में मध्यप्रदेश से सबसे ज्यादा शिकायतें आई हैं, जो सहीं नहीं है। उन्होंने पार्टी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि जो गलतियां मध्यप्रदेश में हुईं, वैसी अन्य राज्यों में नहीं होनी चाहिए।
राहुल गांधी सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में संगठन सृजन अभियान के तहत झारखंड,ओडिशा, पंजाब व उत्तराखंड के जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के चयन के लिए बनाए गए पर्यवेक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उन्होंने मध्यप्रदेश में जिला अध्यक्षों की नियुक्त को लेकर हो रहे विरोध पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जैसे गलती मध्यप्रदेश में हुई है वैसी अन्य राज्यों में नहीं होनी चाहिए।
दरअसल मध्यप्रदेश में दिग्गज नेताओं को जिलों की कमान और दूसरे जिलों के नेताओं को दूसरे जिले में अध्यक्ष बनाने का जमकर विरोध हो रहा है। संगठन सृजन अभियान के तहत सबसे पहले गुजरात में जिला अध्यक्षों का ऐलान हुआ। इसके बाद हरियाणा और फिर मध्य प्रदेश के जिला कांग्रेस अध्यक्षों के नामों की घोषणा हुई। लेकिन जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें मध्यप्रदेश से ही पहुंची हैं।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 71 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा की गई थी। इसके बाद से ही लगातार विरोध हो रहा है। राजधानी भोपाल में पार्टी ने शहर और ग्रामीण दोनों ही जगह पुराने चेहरे को रिपीट किया है। दिग्विजय सिंह के खेमे से आने वाले प्रवीण सक्सेना को दोबारा भोपाल शहर जिला अध्यक्ष बनाया गया है। प्रवीण सक्सेना को दोबारा जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर अध्यक्ष पद के दूसरे दावेदार और पूर्व शहर अध्यक्ष मोनू सक्सेना के समर्थकों खुलकर विरोध जता दिया है। मोनू सक्सेना के राहुल गांधी को खून से पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई है।
इंदौर ग्रामीण जिला अध्यक्ष पर विपिन वानखेड़े को लेकर विरोध प्रदर्शन के सुर दिल्ली तक पहुंच गया है।आगर-मालवा के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को इंदौर ग्रामीण का जिला अध्यक्ष बनाने पर स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताया है। विपिन वानखेड़े पिछले लंबे अरसे से आगर मालवा में सक्रिय है और पार्टी ने उन्हें अब इंदौर ग्रामीण का जिला अध्यक्ष बनाकर स्थानीय कार्यकर्ताओं को हाशिए पर डाल दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री और पार्टी के मौजूदा विधायक जयवर्धन सिंह को गुना जिले का अध्यक्ष बनाए जाने पर भी विरोध हो रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राघौगढ़ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला जलाया और मुर्दाबाद के नारे लगाए। राघौगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि जीतू पटवारी मंडली द्वारा युवा और प्रदेश के लोकप्रिय नेता जयवर्धन सिंह की लोकप्रियता से बौखला कर आलाकमान को गुमराह करके जिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. जबकि पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर कांग्रेस में जान सिर्फ जयवर्द्धन सिंह ही फूंक रहे हैं। हलांकि जयवर्धन सिंह ने इस विरोध प्रदर्शन को कार्यकर्ताओं की गलतफहमी बताया है।
इंदौर से सटे देवास जिले में भी कांग्रेस में नए जिला अध्यक्ष का विरोध शुरु हो गया है। देवास में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के समर्थक गौतम बंटू गुर्जर भी पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी हैं। देवास में पार्टी ने देवास शहर की कमान प्रयास गौतम और देवास ग्रामीण की जिम्मेदारी मनीष चौधरी को सौंपी है।
सतना में पार्टी ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना ग्रामीण का जिला अध्यक्ष बनाय है। इसको लेकर भी विरोध तेज हो गया है। सिद्धार्थ कुशवाह दूसरी बार के विधायक हैं और ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसके पहले वह महापौर और लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी भी रह चुके हैं। एक ही व्यक्ति को बार-बार पार्टी की ओर से जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरु कर दिया है।