भोपाल। चुनावी साल में मोदी सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट को लेकर चुनावी राज्य मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने आ गई। भाजपा ने जहां बजट को हर वर्ग का कल्याण करने वाला बजट बताया वहीं कांग्रेस ने बजट को पुराने वादों पर जुमलो का पर्दा डालने का प्रयास बताया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बजट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प को पूरा करने वाला बजट है। आम बजट एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण का बजट है। बजट सर्व स्पर्शी और सर्वव्यापी है। समाज के हर वर्ग का कल्याण इस बजट में निहित है।
देश के हर राज्य का कल्याण इस बजट में निहित है। यह गरीब कल्याण का बजट है। यह किसानों के उत्थान का बजट है। यह माताओं, बहनों और बेटियों को आगे बढ़ाने वाला बजट है। यह मध्यमवर्ग को सशक्त करने वाला बजट है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बजट में सात लाख तक की आय टैक्स फ्री हो गई है। बजट कमजोर वर्गों के कल्याण का बजट है। यह नौजवानों का बजट है।
वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने आम बजट को हर वर्ग का बजट बताते हुए कहा कि यह सर्वसमावेशी बजट है, जिसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। यह देश के गरीबों, मजदूरों, युवाओं, महिलाओं और किसानों को ताकत देने वाला बजट है।
आम बजट में पीएम कौशल विकास योजना-4 प्रारंभ करने, स्किल इंडिया मिशन इंटरनेशनल सेंटर स्थापित करने, युवा उद्यमियों के लिए एग्रीकल्चर स्टार्टअप शुरू करने की बात की गई है। आम बजट में युवाओं के कृषि स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए एग्रीकल्चर फंड की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है।
वहीं अगले 3 साल तक 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग में मदद करने और 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। सरकार के ये कदम किसानों को लाभदायक और जैविक खेती की ओर प्रेरित करेंगे।
वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस ने आम बजट को पूरी तरह नाकार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलननाथ ने कहा कि वित्त मंत्री का बजट भाषण सरकार के पुराने वादों पर जुमलो का पर्दा डालने का प्रयास नजर आया। हमें आशा थी कि वित्त मंत्री उन घोषणाओं पर प्रकाश डालेंगी जो 2022 में पूरी होनी थी। 2022 में किसानों की आमदनी दुगनी होनी थी।
2022 में हर गरीब को आवास उपलब्ध होना था। 2022 में देश में बुलेट ट्रेन चलनी थी। लेकिन वित्तमंत्री ने इन घोषणाओं के पूरे ना होने की न तो कोई वजह बताई और ना ही देश की जनता से माफी मांगी। स्पष्ट है कि सरकार भविष्य के खोखले सपने दिखाकर वर्तमान की जटिल परिस्थितियों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। यह प्रवृत्ति देश और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी नहीं है।