भोपाल। किसानों के MSP के मुद्दें पर संसद में शुक्रवार को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस को जमकर घेरा। राज्यसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान आए कृषि संबंधित सवालों के जवाब देते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट में जब ये कहा गया कि, लागत पर 50% मुनाफा देकर समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए।
शिवराज ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि तब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे,उन्होंने साफ तौर पर कैबिनेट नोट में कहा कि, एमएसपी को उत्पादन की भारित औसत लागत से 50% अधिक तय करने की सिफारिश पर यूपीए की सरकार ने कैबिनेट में ये कहते हुए स्वीकार नहीं किया कि, सीएसीपी द्वारा प्रासंगिक कारकों की व्यवस्था पर विचार करते हुए एक वस्तुनिष्ठ मानदंड के रूप में एमएसपी की सिफारिश की गई है, इसलिए लागत पर कम से कम 50% की वृद्धि निर्धारित करना बाजार को विकृत कर सकता है। इस संदर्भ में कृषि मंत्री ने 28 जुलाई 2007 के कैबिनेट बैठक का नोट भी पटल पर रखा।
शिवराज ने कहा कि इन्होंने स्वामी नाथन आयोग की सिफारिश स्वीकार करने से इंकार कर दिया। तत्कालीन कृषि मंत्री कांतिलाल भूरिया ने अपने जवाब में कहा कि, स्वीकार नहीं किया जा सकता। सरकार में मंत्री शरद पवार ने भी अपने जवाब में कहा कि, सरकार सीएसीपी की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी तय करती है और इसलिए पहचानने की अवशयकता है कि, उत्पादन लागत और एमएसपी के बीच कोई आंतरिक संबंध नहीं हो सकता और उन्होंने इंकार कर दिया। उसे स्वीकार नहीं किया। ये किसान के नाम पर केवल राजनीति करना चाहते हैं। ये देश को अराजकता में झोंकना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़ा कोई किसान हितैषी नहीं है। सरकार किसान कल्याण और उनके विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। उन्होंने कहा कि, किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराने, व्यवस्था को और प्रभावी बनाने और पारदर्शी बनाने पर सुझाव देने जैसे विशिष्ठ उद्देश्यों के लिए समिति का गठन हुआ है। वहीं उन्होंने कहा कि, एमएसपी की दरें किसान को ठीक दाम देने के लिए लगातार बढ़ाई गई हैं।
किसान कल्याण के लिए 6 सूत्रीय रणनीति- केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के काम में जुटी हुई है और किसान को ठीक दाम देने के लिए सरकार की 6 सूत्रीय रणनीति है। यूपीए की सरकार में वर्ष 2013-14 तक बाजरा का समर्थन मूल्य 1250 था लेकिन मोदी की सरकार ने घोषित किया 2625 रूपए। मक्का के जो 1100 रूपए थे, हमने बढ़ाकर 1850 रूपए किए। रागी की एमएसपी 1310 रूपए थी लेकिन हमने इसे 2225 रूपए किया। गेहूं के 1500 रूपए थे, हमने इसे बढ़ाकर 2275 रूपए किया। तुअर के 4300 रूपए थे लेकिन हमने इसे बढ़ाकर 7550 रूपए किए। किसानों को उचित दाम देने के लिए समिति की रिपोर्ट आएगी तब हम कार्रवाई करेंगे, लेकिन तब तक हम चुप नहीं बैठे हैं, हमारी सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है।