• मध्यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी को जीवित इकाई का वैधानिक दर्जा देते हुए विधानसभा के अगले सत्र में संकल्प पारित करने की कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहां विधानसभा द्वारा नदी की जीवतंता को पहचानते हुए, जलीय जैव विविधता एवं नदी पारिस्थितिकीय तंत्र को सुरक्षित रखने की दिशा में न्यायिक जीवित इकाई के रूप में मान्यता प्रदान करने की अभिनव पहल की जा रही है। मध्यप्रदेश में नर्मदा को मैया अथवा मां का दर्जा प्राप्त है। बढ़ती आबादी की वजह से नर्मदा घाटी में जैविक दबाव और जल की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। नदी के दोनों तटों पर अपशिष्ट छोड़ने के कारण नदी की निर्मलता प्रभावित हो रही है।
• मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद् ने अनुसचिवीय सेवाएं (लिपिकीय अमला) के वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए निर्णय लिया। कुल- 6 पदों सहायक ग्रेड-3/ स्टेनो टाइपिस्ट, स्टेनो टाइपिस्ट, सहायक ग्रेड-2/सहायक लेखापाल, सहायक ग्रेड-1/लेखापाल/लेखा परीक्षक/मुख्य लिपिक और सहायक अधीक्षक/वरिष्ठ लेखा परीक्षक/वरिष्ठ लेखापाल के संबंध में वेतन विसंगतियों के निराकरण की कार्यवाही वित्त विभाग द्वारा की जाएगी।
* मध्यप्रदेश के 8 शहर स्वच्छता के लिए भारत सरकार ने चयनित किए हैं। यह मध्यप्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है कि भारत सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान के लिए विशेष रूप से चुने गए भारत के 20 नगरों में 8 नगर मध्यप्रदेश के हैं। ये चयनित नगर- इन्दौर, भोपाल, रीवा, ग्वालियर, खरगोन, उज्जैन, पीथमपुर और सागर हैं। भारत सरकार ने नगरों के चयन में मध्यप्रदेश को 40 प्रतिशत का स्थान दिया है।