मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की टीम में फेरबदल की तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल में बदलाव 2018 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। दूसरी ओर वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने समर्थकों को मंत्रिमंडल में स्थान दिलाने या फिर उनका कद और पद बढ़ाने के लिए शिवराज पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है।
चर्चा है कि मध्यप्रदेश के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, मुख्यमंत्री चौहान, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें मतभेद भी खुलकर सामने आए हैं। खबर है कि चौहान और सहस्त्रबुद्धे फेरबदल की चर्चाओं के बीच भाजपा के मुखिया अमित शाह से मिलने अलग-अलग विमान से दिल्ली पहुंच रहे हैं। इससे मतभेद की खबरों को और बल मिल रहा है। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि कुछ नामों पर मुहर लग चुकी है, लेकिन कुछ पर अभी भी असमंजस बरकरार है।
ऐसा कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री जहां आगामी चुनाव के मद्देनजर सभी जातियों को साधने के प्रयास हैं, वहीं वरिष्ठ नेता अपने करीबियों के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव बना रहे हैं। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा अपने भतीजे सुरेन्द्र पटवा, जबकि कैलाश जोशी अपने बेटे दीपक जोशी को कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। वहीं केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी भी अपने समर्थकों को मंत्रिमंडल में स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।
ऐसी भी चर्चा है कि बुरहानपुर से विधायक और पूर्व मंत्री अर्चना चिटणीस, ग्वालियर से जयभानसिंह पवैया और भोपाल की नरेला सीट से विधायक विश्वास सारंग के नाम मंत्रिमंडल के लिए तय भी हो चुके हैं। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि दिल्ली के दबाव में अंतिम समय में इन नामों में फेरबदल भी संभावित है। ऐसी भी चर्चा है कि कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी किया जा सकता है।
इंदौर पर सबकी नजर : भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के संगठन में जाने के बाद देश की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर का प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल में नहीं है। ऐसे में इंदौर से एक-दो विधायकों को लालबत्ती मिल सकती है। मुख्यमंत्री से निकटता के चलते क्षेत्र क्रमांक एक के विधायक सुदर्शन गुप्ता का नाम इस सूची में सबसे ऊपर चल रहा है, जबकि कैलाश विजयवर्गीय अपने सबसे करीबी समर्थक रमेश मेंदोला को मंत्री बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
सुगनी देवी जमीन घोटाला रमेश की राह में सबसे बड़ा रोड़ा माना जा रहा है अन्यथा मंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे रमेश मेंदोला ही हैं क्योंकि स्वयं शिवराजसिंह चौहान ने सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले विधायक को मंत्री बनाने का आश्वासन दिया था। दूसरी ओर महिला होने के नाते उषा ठाकुर को भी मौका मिल सकता है।