उज्‍जैन में ‘ऑक्‍सीजन की कमी’ के बाद शुरू किए बंद पड़े प्‍लांट, अब कोविड मरीजों को मिल सकेगी ‘जीने के लिए सांस’

कोरोना संक्रमण के कहर ने अस्‍पतालों के आईसीयू में मरीजों की संख्‍या को बढ़ा दिया है। ऐसे में देश के कई शहरों में ऑक्‍सीजन की उपलब्‍धता चरमरा गई है। हाल ही में इंदौर में इसी तरह की कमी के चलते इंडस्‍ट्रीज में ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई रोकने का फैसला लिया गया था।

अब महाकाल नगरी उज्‍जैन समेत पूरे जिले में संक्रमण की वजह से बड़ी मात्रा में ऑक्‍सीजन की जरुरत महसूस हो रही है। लेकिन उज्‍जैन प्रशासन ने इस कमी को दूर करने के लिए खुद ही ऑक्‍सीजन प्रोडक्‍शन का काम कि‍या है।

दरअसल, ऑक्‍सीजन की कमी को दूर करने के लिए उज्‍जैन के एक बड़े अस्‍पताल में ऑक्‍सीजन प्रोडक्‍शन शुरू किया गया है। सप्लाई को पूरा करने के लिए उज्जैन संभाग स्तर के सबसे बड़े माधव जिला अस्पताल के चरक भवन में लंबे समय से बंद पड़े ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को फिर शुरू किया गया है। उज्‍जैन में बढते संक्रमण की वजह से प्रशासन ने चरक भवन अस्‍पताल को पहले से ही कोविड सेंटर में तब्‍दील कर रखा है।

इस अस्पताल के आला अधिकारियों और सीएमएचओं महावीर खंडेलवाल ने जिला कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश के बाद बंद पडे इस ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को शुरू किया है।

सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल ने बताया कि चरक भवन अस्पताल की 50 प्रतिशत ऑक्सीजन की पूर्ति इसी प्लांट से होती है, वहीं 50 प्रतिशत में जम्बो सिलेंडर का उपयोग किया जाता है। उन्‍होंने बताया कि अब कोविड-19 मरीजों के लिए ऑक्सीजन की पूर्ति इसी प्लांट से हो सकेगी। उन्होंने बताया कि उज्जैन के चरक अस्पताल में जो सेटअप था उसे चालू कर दिया गया है।

इसके साथ ही चरक भवन में और भी पलंग की संख्‍या बढ़ाए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि अगर स्थिति सामान्‍य रहती है, तो इसी प्लांट से ऑक्‍सीजन की पूर्ति हो जाएगी, जम्बो सिलेंडर की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी ऑक्‍सीजन के करीब 200 सिलेंडर प्लांट से मिल रहे हैं, जो आगे 250 तक बढ़ जाएंगे।

बता दें कि पिछले दिनों उज्जैन के अस्पताल में एक भाजपा नेता समेत 5 मरीजों की मौत हो गई थी। इन मौतों की वजह ऑक्‍सीजन की कमी बताई गई थी।

मौत के बाद हुआ था विवाद
पिछले दिनों उज्‍जैन के माधव नगर के एक अस्पताल में पांच मरीजों की मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों का कहना था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण ये मौत हुई हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने साफ कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से यहां कोई मौत नहीं हुई। मरने वालों में कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं था। प्रशासन ने कहा था कि इनकी मौत अन्य कारणों से हुई थी।

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