New Criminal Law के तहत भोपाल में अलग-अलग थानों में 2 FIR दर्ज

विकास सिंह

सोमवार, 1 जुलाई 2024 (11:57 IST)
भोपाल। देश में आज से तीन नए क्रिमिनल कानून लागू हो गए हैं। तीन नए क्रिमिनल कानून के तहत मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दो FIR दर्ज की गई है। राजधानी भोपाल के थाना जहांगीराबाद और थाना हनुमानगंज में नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज हुई हैं। भोपाल के थाना जहांगीराबाद में बुजुर्ग महिला के साथ मारपीट और थाना हनुमानगंज में युवक के साथ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। नए आपराधिक कानून BNS के तहत दोनों मामले दर्ज किए गए है।

नए कानून के तहत राजधानी भोपाल के थाना हनुमानगंज में युवक के साथ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। हनुमानगंज थाने इलाके के अंतर्गत इसराणी मार्केट में रहने वाले प्रफुल्ल चौहान की शिकायत पर बीएनएस की धारा 296 के तहत राजा उर्फ हरभजन के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया गया। वहीं जहांगीरबाद थाने बुजुर्ग महिला के साथ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी निरीक्षक संजय सोनी, थाना हनुमानगंज में थाना प्रभारी निरीक्षक अवधेश सिंह भदौरिया के निर्देशन में थाने में मौजूद ड्यूटी ऑफिसर उप निरीक्षक विवेक शर्मा ने सामने मामला दर्ज कराया गया है।

गुलामी के प्रतीक पुराने कानूनों में बदलाव ऐतिहासिक-देश में तीन नए क्रिमिनल कानून लागू होने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में इन कानूनों को लागू करने के साथ ही उनके समुचित प्रचार प्रसार का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुलामी के प्रतीकों को समाप्त करने के क्रम में कुछ कानूनों में अमूलचूल परिर्वतनों का कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश में लागू पुलिस और न्याय व्यवस्था से जुड़े कई बदलाव किए जा रहे हैं। यह समाज के लिए सुव्यवस्थाएं स्थापित करने का प्रयास है।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में अनेक विषय परिवर्तित स्वरूप में सामने आते हैं। भारत की प्राचीन न्याय पद्धति काफी सरल थी। हमारी पंच परम्परा भी अनूठी थी। राजाविक्रमादित्य की न्याय परम्परा से भी तत्कालीन समाज लाभान्वित था। प्रधानमंत्री मोदी ने अंग्रेजों के शासन काल से लागू कानूनों में आवश्यक परिवर्तन का ऐतिहासिक कार्य किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करीब चार सौ घंटे के परिश्रम और विभिन्न स्तर की बैठकों के बाद व्यापक विचार-विमर्श पश्चात नए कानूनों के प्रारूपों को अंतिम रूप प्रदान किया है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर सुझाव भी प्राप्त किए गए।

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