लागू हुए नए आपराधिक कानून, खरगे बोले नहीं चलने देंगे बुलडोजर न्याय

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 1 जुलाई 2024 (11:13 IST)
3 new criminal laws : देशभर में आज से नए आपराधिक कानून लागू हो गए। पुलिस आज से नए कानून के तहत ही मुकदमें दर्ज कर रही है। इस बीच विपक्ष ने नए कानूनों के खिलाफ कमर कस ली है। कांग्रेस ने इस मामले में मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। ALSO READ: नए कानून के तहत दिल्ली में पहली FIR, रेहड़ी वाले पर दर्ज हुआ मामला
 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, चुनाव में राजनीतिक व नैतिक झटके के बाद मोदी जी और भाजपा वाले संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहें हैं, पर सच तो ये है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वो 146 सांसदों को सस्पेंड कर जबरन पारित किए गए। INDIA अब ये बुलडोजर न्याय संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा।
 
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बीच सोमवार को सरकार की आलोचना की और कहा कि यह मौजूदा कानूनों को ध्वस्त करने तथा उनके स्थान पर बिना पर्याप्त चर्चा व बहस के तीन नए कानून लेकर आने का एक और उदाहरण है।
 
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, तथाकथित नए कानूनों का 90-99 फीसदी अंश कांट-छांट करने, नकल करने और इधर से उधर चिपकाने का काम है। यह काम मौजूदा तीन कानूनों में कुछ बदलाव करके किया जा सकता था लेकिन यह व्यर्थ कवायद बना दी गई।
 

The three criminal laws to replace the IPC, CrPC and Indian Evidence Act come into force today

90-99 per cent of the so-called new laws are a cut, copy and paste job. A task that could have been completed with a few amendments to the existing three laws has been turned into a…

— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 1, 2024
उन्होंने कहा, 'हां, नए कानूनों में कुछ सुधार किए गए हैं और हम उनका स्वागत करते हैं। उन्हें संशोधन के रूप में पेश किया जा सकता था। दूसरी ओर, कई प्रतिगामी प्रावधान भी है। कुछ बदलाव प्रथम दृष्टया असंवैधानिक हैं।'
 
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान ले लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नए कानून न्याय मुहैया कराने को प्राथमिकता देंगे जबकि अंग्रेजों (देश पर ब्रिटिश शासन) के समय के कानूनों में दंडनीय कार्रवाई को प्राथमिकता दी गई थी।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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