गत देर रात पेट्रोलिंग के दौरान पुलिसकर्मी ने देखा एक शख्स रेलवे स्टेशन के पास बीच सड़क पर रेहड़ी लगाकर पानी व गुटखा बेच रहा था जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही थी। कई बार कहने पर वो नहीं माना और मजबूरी बताकर चला गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने उसका नाम-पता पूछकर नए कानून BNS की धारा 285 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
तीन नए आपराधिक कानून आज से देशभर में लागू हो गए हैं और इसने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान ले लिया है।
आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी : नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें 'जीरो एफआईआर', पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, 'एसएमएस' (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिए समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानून न्याय मुहैया कराने को प्राथमिकता देंगे जबकि अंग्रेजों (देश पर ब्रिटिश शासन) के समय के कानूनों में दंडनीय कार्रवाई को प्राथमिकता दी गई थी। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को भारतीयों ने, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाया गया है तथा यह औपनिवेशिक काल के न्यायिक कानूनों का खात्मा करते हैं। नए कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।