मंत्री के बयान के बाद से जयस संगठन से जुड़े लोग जमकर आक्रोश जता रहे हैं, यहां तक कि जयस के प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुजाल्दा ने यह तक कह दिया था कि अगर तीन दिन में मंत्री ने माफी नहीं मांगी तो सरकार के खिलाफ न केवल आंदोलन किया जाएगा, बल्कि एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
इधर, जमकर उठ रहे आक्रोश और आदिवासी संगठन जयस को लेकर मंत्री उषा ठाकुर की टिप्पणी पर विधानसभा में भी हंगामे की बात सामने आई है। अब मंत्री ठाकुर ने स्वयं मीडिया के सामने अपनी कही गई बातों पर माफी मांगते हुए कहा कि मेरे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो मैं क्षमा चाहती हूं। हालांकि उन्होंने माफी के दौरान ये भी कहा कि आदिवासियों के बीच में कुछ राष्ट्र विरोधी लोग और संगठन काम कर रहे हैं, उनसे सतर्क रहना ज़रूरी है।
गौरतलब है कि प्रदेश में उपचुनाव नजदीक है और ऐसे में मंत्री के बयान से बवाल मच गया था, क्योंकि मंत्री उषा ठाकुर की टिप्पणी से आहत आदिवासी संगठनों से जुड़े लोग नाराज दिखाई दे रहे थे, जिसका सीधा नुकसान भाजपा को आने वाले उपचुनाव में मुश्किलों में डाल सकता था लिहाजा ऐसे में मंत्री ने बैकफ़ुट पर आना ही बेहतर समझा।
सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि आदिवासी विकास और महू विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी भाइयों के उत्थान के लिए मैंने सदैव समर्पित भाव से काम किया और आगे भी करती रहूंगी। यदि किसी भी बयान से आदिवासी भाइयों की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं और कांग्रेस के इस मसले पर सियासत करने की भी निंदा करती हूं।