महाभारत काल में बलराम के बाद भीम सबसे ज्यादा ताकतवर इंसान थे। उनके बार जरासंध को भी शरीरिक रूप से शक्तिशाली माना जाता था। श्रीकृष्ण के भाई बलराम ने भीम को गदा युद्ध सिखाया था और उन्होंने दुर्योधन को भी गदा युद्ध की शिक्षा दी थी। जरासंध भी गदा युद्ध में कौशल था। उस काल में बलराम, भीम, दुर्योधन और जरासंध के अलावा कोई भी ऐसा वीर नहीं था जो उनके जैसा गदायुद्ध जानता हो। भीम गदाधारी थे और वे मल्ल युद्ध में भी पारंगत थे। उन्होंने अपनी इस दोनों ही विद्या का प्रयोग करके सबसे शक्तिशाली जरासंध का वध किया था और महाभारत के अंत में दुर्योधन का भी वध कर दिया था।
भीम ने अपनी गदा के बल पर ही महाभारत के युद्ध में दुर्योधन के भाई दु:शासन और उन्य कौरवों का वध कर दिया था। भीम ने ही अपनी शक्ति के बल पर वारणात के लक्षागृह की आग से माता कुंती और अपने भाइयों को बचाया था। उसी ने विराट राज्य के राजा के साले सेनापति कीचक का वध कर दिया था। घोसयात्रा के दौरान जब कर्ण गंधर्वो का सामना ना करके भाग गया और दुर्योधन बंदी बना लिया गया था तब भीम ने ही अर्जुन के साथ मिलकर गंधर्वो की सेना को परास्त किया था।
युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के लिए भीम पूर्व दिशा के सारे राजाओं पर विजय हासिल करने निकले थे। तब उन्होंने अंगदेश के राजा कर्ण को भी परास्त कर दिया था। यहां तक की भीम ने कुरुक्षेत्र युद्ध में अंगराज कर्ण को धनुर्युद्ध में भी परास्त किया था। भीम के बाण के प्रहार से कर्ण अचेत हो कर अपने रथ पर ही गिर गए थे। अंगराज कर्ण की हार से कौरवः की सेना, दुर्योधन तथा सम्राट धृतराष्ट्र भी चिंता में पड़ गए थे। तब भीम को कहीं और उलझा दिया गया था। कुरुक्षेत्र युद्ध में उन्होंने महामहिम भीष्म को भी परास्त किया था।