यह सुनकर भानामति कहती है- नहीं नहीं ये ईश्वरीय अंश कैसे हो सकता है, ये तो मेरे कलेजे का टूकड़ा है, मेरा बेटा है। यह सुनकर नारदमुनि कहते हैं- प्रद्युम्न को आपने जन्म नहीं दिया है भानामति। यह सुनकर भानामति घबरा जाती है। फिर नारदमुनि कहते हैं- परंतु आप ही उसकी माता हैं क्योंकि प्रद्युम्न ने आप ही का दूध पिया है। फिर रति कहती हैं कि और फिर जब प्रद्युम्न का वध करने जब संभरासुर का पुत्र कुंभकेतु आया था तो आपकी व्याकुलता और एक माता की व्याकुलता में कोई फर्क नहीं था। इसीलिए आप ही प्रद्युम्न की माता हैं। यह सुनकर भानामति को संतोष होता है। फिर रति कहती है- जन्म देना आसान है भानामति, परंतु बच्चे का लालन-पालन करना और उसकी सुरक्षा करना आसान नहीं है।