मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना के बाद अब कांग्रेस-एनसीपी में सीट बंटवारे को लेकर कलह के स्वर सुनाई दे रहे हैं। कांग्रेस-एनसीपी ने भले ही 125-125 विधानसभा सीटों पर ताल ठोंकने की सहमति दे दी हो, लेकिन शरद पवार की मांग है कि राज्य के सभी 36 जिलों में प्रतिनिधित्व मिले। इस मांग से दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर एक नया पेंच फंस गया है।
उधर कांग्रेस का कहना है कि इस बारे में फैसला किया जाएगा कि दोनों दलों और छोटे-छोटे सहयोगी दलों को कहां-कहां की सीटें दी जाएंगी। दोनों दोनों दलों के नेता सीटें तय करने के लिए अनवरत बैठक कर रहे हैं। महाराष्ट्र की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होगा तथा मतगणना परिणाम 24 अक्टूबर को आएगा।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार राकांपा (एनसीपी) हर जिले में कम से कम 1 या 2 सीटें मांग रही है और यह पार्टी के लिए व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि राज्य के कुछ इलाकों में उसका कोई खास असर नहीं है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों दलों में वार्ता जारी है। राकांपा विदर्भ में की अनेक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि उसका वहां कोई आधार नहीं है और वह मुंबई की 36 में से 12 सीटों की मांग कर रही है, जबकि वह 2009 के गठबंधन में 7 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।
गठबंधन की राह काफी मुश्किल : दोनों दलों के सामने 38 सीटों के साथ छोटे दलों को अपने साथ बनाए रखने की चुनौती भी है। इन दोनों ही दलों के अनेक नेताओं के भाजपा-शिवसेना में जाने के बाद से स्थिति काफी विकट हो गई है।
उम्मीदवारों की सूची जारी करने की तैयारी में कांग्रेस : जल्द ही कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने की कोशिश में है। इसमें वर्तमान व पूर्व विधायकों के नाम हो सकते हैं जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण, प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट, राज्य इकाई के वरिष्ठ नेता नितिन राउत, यशोमती ठाकुर विश्वजीत कदम, नाना पटोले और कई अन्य वरिष्ठ नेता चुनाव मैदान में ताल ठोंक सकते हैं। पार्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ दक्षिण-पश्चिम नागपुर विधानसभा सीट से भी किसी बड़े चेहरे को उतारने की कोशिश में है।