बाद में निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा गड़बड़ी को दुरुस्त करने के लिए एक प्रत्युत्तर जारी किया गया जिसमें नाम को लेकर एक अन्य गड़बड़ी हो गई और इस बार नाम का जिक्र करते हुए पुरुषोत्तम नरेंद्र सोनटाके बताया गया और अनुरोध किया गया कि इसे 'वीपी सोनटाके पढ़ा' जाए।