ठंडे पड़े शिवसेना के तेवर, संजय राउत बोले- BJP के साथ गठबंधन में रहना जरूरी
गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019 (07:34 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र में पहले आक्रामक रुख अपना रही शिवसेना के तेवर ठंडे पड़ते नजर आ रहे हैं। शिवसेना नेता संजय राउत भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर तीखे बयान दे रहे थे, लेकिन अब रुख नरम अपनाते हुए संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के व्यापक हित में ‘सम्मान’ से समझौता किए बगैर पार्टी के लिए भाजपा नीत गठबंधन में बने रहना आवश्यक है।
राउत ने कहा कि अगली सरकार बनाने में कोई जल्दबाजी नहीं है। उन्होंने उन कयासों को खारिज कर दिया कि अगर नये मंत्रिपरिषद के गठन में देरी होती है तो शिवसेना बंट सकती है। राउत ने कहा कि राज्य के हित में शिवसेना के लिए भगवा गठबंधन में बने रहना जरूरी है, लेकिन ‘सम्मान’ भी महत्वपूर्ण है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन राज्य का हित महत्वपूर्ण है। शांत तरीके से और राज्य के हित को ध्यान में रखकर फैसला करने की जरूरत है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद और सत्ता बंटवारे पर 50:50 फॉर्मूले पर आक्रामक रूप से जोर दे रही है लेकिन भाजपा ने इस मांग को खारिज कर दिया है। राउत ने कहा कि दोनों सहयोगियों के बीच 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव से पहले जो तय हुआ था उनकी पार्टी बस उसे ही लागू करवाना चाहती है।
क्या शिवसेना 50:50 फॉर्मूले (सत्ता के समान बंटवारे) को लागू करने पर अड़ी हुई? इस पर राउत ने कहा कि आप (मीडिया) यह कह रहे हैं। हम सिर्फ यह चाहते हैं कि जो पहले तय हुआ था, वैसे ही चीजें हों। उन्होंने कहा कि सरकार गठन में देरी के चलते नवनिर्वाचित शिवसेना के किसी विधायक के पार्टी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है।
राउत ने कहा कि किसी भी पार्टी का कोई नवनिर्वाचित विधायक अलग नहीं होगा। शिवसेना विधायकों के साथ ऐसा होने का कोई सवाल ही नहीं है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भाजपा विधायक दल का नेता पुनर्निर्वाचित होने के बारे में राउत ने कहा कि जिसके पास (288 सदस्यीय सदन के) 145 विधायकों का समर्थन है, वह मुख्यमंत्री होगा और उनका स्वागत करना कर्तव्य है।
उन खबरों के बारे में कि भाजपा ने उपमुख्यमंत्री पद और शिवसेना को 13 मंत्री पद देने की पेशकश की है, इस बारे में राउत सीधा जवाब देने से बचे और कहा कि हम बहीखाता लेकर नहीं बैठे हैं। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने सत्ता में समान भागीदारी और बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की पार्टी की मांगों को लेकर तीखी बयानबाजी कर रहे थे।
दे रहे थे तीखे बयान : राउत ने यह तक कह दिया था कि अगर भाजपा उसकी मुख्य मांगों को नहीं मानती तो पार्टी के पास और भी ‘विकल्प’ हैं।
उन्होंने कहा था कि हम भाजपा के साथ गठबंधन में विश्वास करते हैं, क्योंकि हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा को हमें सरकार गठन के लिए विकल्प पर गौर करने का पाप करने पर विवश नहीं करना चाहिए।
भाजपा ने जोर देकर कहा है कि फडणवीस अगले 5 साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे। भाजपा ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 105 सीटों पर जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की।