महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि उद्धव ने संयुक्त रैली में रुदाली (पेशेवर शोकसभा) जैसा भाषण दिया। फडणवीस ने दोनों चचेरे भाइयों (उद्धव और राज ठाकरे) को फिर से मिलाने का श्रेय उन्हें देने के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को धन्यवाद दिया।
इससे पहले, दो दशकों के बाद उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा किया और आवाज मराठीचा नामक एक विजय सभा आयोजित की जो राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए की गई।
जनसभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने मजाकिया अंदाज में फडणवीस को दोनों चचेरे भाइयों को एक साथ लाने का श्रेय दिया। फडणवीस ने उद्धव पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, आज बालासाहेब ठाकरे मुझे आशीर्वाद दे रहे होंगे। मुझे बताया गया था कि यह एक 'विजय' रैली होनी थी, लेकिन यह एक 'रुदाली' भाषण निकला।
'रुदाली' शब्द कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से राजस्थान में पेशेवर महिला शोक-संतप्तों को कहा जाता है। इन क्षेत्रों में विशेष रूप से उच्च जाति के परिवारों में उन्हें अंतिम संस्कार के दौरान सार्वजनिक रूप से शोक व्यक्त करने के लिए रखा जाता था। फडणवीस ने कहा कि कार्यक्रम में मराठी के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला गया और (उद्धव द्वारा दिया गया) भाषण इस बात पर केंद्रित था कि कैसे उनकी सरकार गिराई गई और कैसे वे दोबारा सत्ता हासिल कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने शिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, यह रैली विजय उत्सव नहीं बल्कि 'रुदाली' दर्शन थी। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों तक बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) पर शासन करने के बावजूद वे (अविभाजित शिवसेना) विकास लाने में विफल रही।
फडणवीस ने कहा कि इसके विपरीत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने मुंबई को बदल दिया है। हमने मराठी लोगों को बीडीडी और पात्रा चालों में उनके हक के घर दिए, जिससे उन्हें (उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना) जलन होने लगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मराठी और हिन्दू होने पर गर्व है और सभी मराठी तथा गैर-मराठी लोग सरकार के साथ हैं। भाषा Edited by: Sudhir Sharma