Maharashtra : भाषा विवाद के बीच फडणवीस सरकार का बड़ा फैसला, हर साल 3 अक्‍टूबर को मनाएंगे मराठी दिवस

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 (20:07 IST)
Maharashtra News : महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि पिछले साल केंद्र द्वारा मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के फैसले के बाद अब हर साल 3 अक्टूबर को ‘शास्त्रीय मराठी भाषा दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य 2,500 वर्षों से अधिक पुरानी मराठी भाषा की समृद्ध भाषाई और साहित्यिक विरासत के बारे में जागरूकता बढ़ाने, इसके संरक्षण और इसमें विद्वानों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि 3 से 9 अक्टूबर को हर साल ‘शास्त्रीय मराठी भाषा सप्ताह’ मनाया जाएगा।
 
मराठी भाषा विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य 2,500 वर्षों से अधिक पुरानी मराठी भाषा की समृद्ध भाषाई और साहित्यिक विरासत के बारे में जागरूकता बढ़ाने, इसके संरक्षण और इसमें विद्वानों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। हर साल दिवस और सप्ताह मनाने का निर्णय तीन अक्टूबर, 2024 को पारित केंद्रीय मंत्रिमंडल के उस प्रस्ताव पर आधारित है जिसमें मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है।
ALSO READ: महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस को राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की यह याचिका
सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, निजी उद्यमों और वित्तीय संस्थानों को निर्दिष्ट सप्ताह के दौरान मराठी भाषा की लोकप्रियता और संरक्षण से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।
 
इन कार्यक्रमों में व्याख्यान, सेमिनार, प्राचीन ग्रंथों और शिलालेखों की प्रदर्शनी, प्रश्नोत्तरी, निबंध प्रतियोगिताएं और अन्य शैक्षिक व सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी। अपने जिलों में जिलाधिकारी मराठी भाषा समिति के प्रमुख होंगे और उन्हें कार्यक्रमों की योजना और क्रियान्वयन की देखरेख करने के लिए कहा गया है।
ALSO READ: जनता ने इन्हें नकारा, ये जनादेश नकार रहे', राहुल गांधी की 'मैच फिक्सिंग' दलीलों पर देवेंद्र फडणवीस का पलटवार
सरकारी आदेश में कहा गया है कि उन्हें सप्ताह के दौरान आयोजित गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट 31 अक्टूबर तक भाषा निदेशालय को सौंपनी होगी। इन समारोहों का खर्च संबंधित विभागों और कार्यालयों के नियमित बजटीय आवंटन के माध्यम से पूरा किया जाना है। पिछले साल केंद्र ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने को मंजूरी दी थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी