इसके बाद इन लड़कियों को दो समूहों में बांटा गया। जिन लड़कियों ने कहा कि उन्हें मासिक धर्म हो रहा है, उनसे शिक्षिकाओं को अपने अंगूठे का निशान देने को कहा गया। लेकिन जिन छात्राओं ने कहा कि उन्हें मासिक धर्म नहीं हो रहा है, उन्हें एक महिला परिचारिका एक-एक करके शौचालय ले गई और उनके गुप्तांगों की जांच की। पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर स्कूल की प्रधानाचार्या, चार शिक्षकों, परिचारिका और दो न्यासियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।