stays notice to demolish Nashik dargah : उच्चतम न्यायालय ने हजरत सातपीर सैयद बाबा दरगाह को ढहाने संबंधी नासिक नगर निकाय के नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी है और दरगाह की याचिका को सूचीबद्ध न करने पर बंबई उच्च न्यायालय से रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों ने बताया कि न्यायालय की सुनवाई से कुछ घंटे पहले नगर निकाय के कर्मियों ने इस ढांचे को गिरा दिया था। नासिक के काठे गली में स्थित दरगाह के खिलाफ नगर निकाय की कार्रवाई कथित तौर पर 15 और 16 अप्रैल की मध्यरात्रि में की गई थी।
दरगाह प्रबंधन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन पाहवा ने दावा किया कि तमाम प्रयासों के बावजूद मामला उच्च न्यायालय में सूचीबद्ध नहीं किया गया जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने यह असाधारण कदम उठाया। पीठ ने 16 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि हमने वरिष्ठ अधिवक्ता के इस विशिष्ट बयान के मद्देनजर यह असाधारण कदम उठाया है कि मामले को सूचीबद्ध करने के लिए हर दिन प्रयास किए गए थे। हम इस बयान को लेकर अनिश्चित हैं कि उच्च न्यायालय ने बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद मामले को
पाहवा ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत एक रिट याचिका 7 अप्रैल, 2025 को उच्च न्यायालय के समक्ष दायर की गई थी और वह मामले के सूचीबद्ध होने की 8 अप्रैल से प्रतीक्षा कर रहे थे। शीर्ष अदालत ने पाहवा की दलीलों को दर्ज करते हुए कहा कि यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने तब से मामले को सूचीबद्ध नहीं किया। पीठ ने कहा कि हम यह नहीं समझ पा रहे कि 9 अप्रैल से लेकर आज तक क्या हुआ। वकील ने कहा है कि उन्होंने हर दिन कोशिश की। इसके बाद पीठ ने नगर निगम और अन्य अधिकारियों से जवाब देने को कहा।(भाषा)