महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की महाविजय के एक सप्ताह बाद भी नई सरकार का गठन नहीं हो सका है। वहीं मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पांच दिसंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण हो सकता है। वहीं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच महाराष्ट्र में रविवार को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक टाल दी गई है। अब भाजपा विधायक दल की बैठक 3 दिसंबर को होने की उम्मीद है।
एकनाथ शिंदे पर टिकी सबकी निगाहें- महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर अब सबकी निगाहें एकनाथ शिंदे पर के रूख पर टिक गई है। अब तक एकनाथ शिंदे ने अपने पत्ते नहीं खोले है। वहीं दिल्ली से लौटने के बाद मुंबई से सतारा पहुंचे एकनाथ शिंदे अब तक मुंबई नहीं लौटे है, इसको लेकर भी अब कयासों का दौर शुरु हो गया है। मीडिया रिपोर्टस के हवाले से खब है कि शिंदे गृहमंत्री के पद पर अड़े हुए है और भाजपा इसको लेकर अब भी तैयार नहीं है।
वहीं महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर मुंबई से दिल्ली तक मंथन का दौर लगातार जारी है। जैसे-जैसे महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण की तारीख बढ़ती जा रही वैसे-वैसे मुख्यमंत्री के चेहरे और मंत्रिमंडल गठन के फॉर्मूले को लेकर शिवसेना और भाजपा आमने सामने आ गई है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम का पद लेने से इंकार करने के साथ ही सरकार को बाहर से समर्थन देने का एलान कर भाजपा पर दबाव बढ़ा दिया है।
वहीं उन्होंने सरकार में शामिल होने पर गृह विभाग और विधानसभा अध्यक्ष पद की मांग कर दी है। हलांकि कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले ही मीडिया के सामने आकर एलान कर चुके है कि भाजपा का मुख्यमंत्री बनने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी प्रेस क्रॉफ्रेंस में एक बार भी मुख्यमंत्री के रेस में आगे चल रहे देवेंद्र फडणवीस का नाम नहीं लेकर इस बात के संकेत दे दिए कि महायुति में सब कुछ सामान्य नहीं है।
वहीं दूसरी भाजपा की ओर से अब तक मुख्यमंत्री का नाम नहीं घोषित करने से अब सस्पेंस बढ़ता ही जा रहा है। महाराष्ट्र में भाजपा देवेंद्र फडणवीस को क्या फिर एक बार सरकार की कमान सौंपेगी या उनकी जगह किसी नए चेहरे पर दांव लगाएगी, यह सवाल भी अब खड़ा हो गया है। दरअसल भाजपा नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश में है।