महात्मा गांधी के बारे में आपने कई बार पढ़ा होगा और आपको कई किस्से व कहानियां भी पता होंगी। लेकिन अधिकतर लोग गांधीजी के खानपान के बारे में नहीं जानते हैं। गांधीजी उनके स्वभाव की तरह ही बिल्कुल सरल और सात्विक भोजन करना पसंद करते हैं। गांधीजी गुजराती शाकाहारी परिवार से थे और वो मांस का सेवन नहीं करते थे। आज के समय में vegan food का ट्रेंड भी काफी प्रचलित है लेकिन आपको बता दें कि महात्मा गांधी भी vegan food का सेवन करना पसंद करते थे। चलिए जानते हैं गांधीजी के खानपान के बारे में...
इन चीज़ों का परहेज करते थे गांधीजी | unknown facts about mahatma gandhi
नमक: महात्मा गांधी नमक का बहुत कम सेवन करते थे। उनके अनुसार ज्यादा नमक सेहत के लिए हानिकारक होता है इसलिए वह ज्यादा नमक खाना पसंद नहीं करते थे। ज्यादा नमक के सेवन से आपके ब्लड प्रेशर पर प्रभाव पड़ता है और आपकी हड्डियां कम जोर होती हैं।
दाल: गांधीजी का मानना था कि जिन लोगों का शरीर कमजोर है उन्हें दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। इस बात का ज़िक्र उन्होंने अपनी आत्मकथा में किया था। उन्होंने बताया कि एक बार उनकी पत्नी कस्तूरबा की तबियत खराब हो गई थी इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी से दाल और नमक से परहेज करने का अग्रेह किया।
दूध: जैसा कि हमने कहा कि महात्मा गांधी vegan ट्रेंड को फॉलो करते आए हैं। आपको बता दें कि बापू दूध का सेवन करने से परहेज करते थे। गांधीजी का मानना था कि किसी भी जानवर का दूध नहीं पीना चाहिए। मांस की तरह ही वह दूध के सेवन से बचते थे।
मांस: जैसा कि आपको पता है कि गांधीजी गुजराती शाकाहारी परिवार से थे इसलिए वह मांस का सेवन नहीं करते थे। आपको जानकार हैरानी होगी कि विदेश में भी गांधीजी ने मांस व शराब का सेवन नहीं किया था। इस वजह से वह कई बार भूके भी रहे हैं।
गांधीजी के भोजन में शामिल थी ये चीज़ें
सब्जी और फल: गांधीजी सब्जी और फल का सेवन करना पसंद करते थे। साथ ही वह शाकाहारी थे तो वह सब्जी पर निर्भर रहते थे। इसके साथ ही गांधीजी ज्यादा तेल या मसाले वाली सब्जी का सेवन नहीं करते थे। उन्हें सरल और सात्विक भोजन पसंद था।
ड्राई फ्रूट्स: सब्जी और फल के साथ ही गांधीजी को ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना पसंद था। सूखे मेवे के साथ गांधीजी को चावल में भी ड्राई फ्रूट्स खाना पसंद था।
इसके साथ ही गांधीजी नींबू, शहद, अंकुरित गेहूं, किशमिश जैसी चीज़ों का भी सेवन करना पसंद करते थे। आपको बता दें कि इस तरह की डाइट से शरीर में फैट नहीं बढ़ता है और आपका दिमाग बहुत एक्टिव रहता है। साथ ही इस तरह की डाइट से आलस भी कम होता है।