कब और कैसे आई भारतीय नोटों पर गांधी की तस्वीर?
जैसे कि आपने हर नोट पर गांधी की फोटो छपी देखि होगी। आपको बता दें कि नोट के दाहिनी तरफ गांधी जी की तस्वीर को छापने की सिफारिश 13 जुलाई 1995 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने की थी। इस सिफारिश के बाद आरबीआई ने 1996 में नोटों में बदलाव का फैसला लिया और अशोक स्तंभ की जगह महात्मा गांधी के फोटो का इस्तेमाल किया जाने लगा।
नोटों पर गांधी की तस्वीर से पहले क्या था?
आपको बता दें कि गांधीजी की फोटो से पहले भारतीय नोटों पर अशोक स्तंभ की फोटो होती थी। हालांकि अशोक स्तंभ से पहले राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर का इस्तेमाल भारतीय नोटों पर किया जाता था। हालांकि वक्त के साथ नोटों का डिजाईन काफी बदलने लगा और आज के समय में हम नए नोट का इस्तेमाल करते हैं जिसमें भारत की विभिन्न इमारतें और संस्कृति का भी ज़िक्र एवं तस्वीर है।
गांधी जी की नोट पर छपी तस्वीर कहां की है?
अगर आप सोचते हैं कि नोट पर छपी गांधी की तस्वीर को कंप्यूटर द्वारा बनाया गया है तो आप गलत हैं। आपको बता दें कि यह तस्वीर असली है और कलकत्ता के वायसराय हाउस में खींची गई थी। साल 1946 के करीब गांधी जी तत्कालीन म्यांमार और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में तैनात फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ मिलने के लिए गए थे। यह तस्वीर उस समय खींची गई थी और इस तस्वीर का ही भारतीय नोटों पर इस्तेमाल किया जाता है।
RBI को आरबीआई अधिनियम, 1934 के तहत एक रुपए के नोट को छोड़कर बाकि नोट छापने का अधिकार दिया गया है। साथ ही इस ही अधिनियम का सेक्शन 24(1) आरबीआई को एक रुपए के नोट को छापने का अधिकार नहीं देता है। मुद्रा अध्यादेश 1940 के अनुसार एक रुपए का नोट भारत सरकार द्वारा और 2 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक के नोट व सिक्के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी या छापा जाता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि आरबीआई 10 हज़ार तक का नोट छाप सकता है।