मोहनदास करमचंद गांधी से उनके महात्मा गांधी कहलाए जाने का श्रेय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर को जाता है, जिन्होंने सन् 1920 में गांधी को महात्मा का दर्जा दिया था। हालांकि यह बात और है कि इसस पहले 1908 में वही रवीन्द्रनाथ ठाकुर उन्हें दक्षिण अफ्रीका में आत्मसम्मान की अपील करने के लिए अपराधी करार दे चुके थे। और इस पर मोहर भी लग चुकी थी।