मकर संक्रांति से लेकर 14 दिनों तक करें आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ, मनचाही सफलता का मिलेगा वरदान

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मकर संक्रांति पर सूर्य को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम उपाय है अर्घ्य देना। सूर्य को अर्घ्य तो हमेशा दिया जाना चाहिए लेकिन मकर संक्रांति के दिन जरूर दें, इससे सूर्य प्रसन्न होते हैं और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
 
मकर संक्रांति के दिन सूर्य यंत्र का लॉकेट भी धारण किया जाता है। यह तांबे का होता है और सूर्य की तरह दिखता है। इसे लाल धागे में बांधकर गले में धारण करने से सूर्य की अनुकूलता प्राप्त होती है। जन्मकुंडली में सूर्य की खराब स्थिति में सुधार आता है। इससे निरोगी काया प्राप्त होती है। नेत्रों के रोग दूर होते हैं और कर्ज मुक्ति का मार्ग खुलता है।
 
यदि आप अच्छी नौकरी की तलाश में हैं या वर्तमान नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है तो मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर आदित्यहृदयस्तोत्र के सात पाठ करें और केसर में गुलाबजल मिलाकर उसका तिलक करें। इस मिश्रण को एक डिब्बी में भरकर रख लें और प्रतिदिन लगाएं। विशेषकर जब आप किसी जॉब के इंटरव्यू के लिए जा रहे हैं तो जरूर लगाएं। इससे शीघ्र तरक्की होती है।
 
जीवन में मान-सम्मान, पद, प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ मकर संक्रांति से प्रारंभ करते हुए लगातार 14 दिनों तक  प्रतिदिन करें। इससे आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा, सफलता और किस्मत के दरवाजे खुलने लगेंगे। 

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