14 जनवरी 2025 बुधवार के दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। सूर्य आराधना का यह दिन हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है और धीरे-धीरे दिन बड़े होने लगते हैं। सूर्य के मकर राशि में जाने को ही मकर संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति और छठ पूजा के दिन सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व माना गया है। आओ जानते हैं सूर्य को अर्घ्य कैसे दें, जानें उचित विधि और नियम।
सूर्य को अर्घ्य कैसे दें, जानें उचित विधि और नियम:
1. सर्वप्रथम प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर स्नान करें।
2. तत्पश्चात उदित होते सूर्य के समक्ष आसन लगाए।
3. आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में पवित्र जल लें।
4. उसी जल में मिश्री भी मिलाएं। कहा जाता है कि सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से जन्मकुंडली के दूषित मंगल का उपचार होता है।
5. मंगल शुभ हो तब उसकी शुभता में वृद्दि होती है।
6. जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्यागमन से पहले नारंगी किरणें प्रस्फूटित होती दिखाई दें, आप दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़ कर इस तरह जल चढ़ाएं कि सूर्य जल चढ़ाती धार से दिखाई दें।
7. प्रात:काल का सूर्य कोमल होता है उसे सीधे देखने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
8. सूर्य को जल धीमे-धीमे इस तरह चढ़ाएं कि जलधारा आसन पर आ गिरे ना कि जमीन पर।
9. जमीन पर जलधारा गिरने से जल में समाहित सूर्य-ऊर्जा धरती में चली जाएगी और सूर्य अर्घ्य का संपूर्ण लाभ आप नहीं पा सकेंगे।