Why Makar Sankranti is Celebrated on 14 or 15 January
Why Makar Sankranti is Celebrated on 14 or 15 January: मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य की गति से जुड़ा हुआ है। जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, तो इस घटना को मकर संक्रांति कहते हैं। यही कारण है कि इस त्योहार की तारीख हर साल थोड़ी बहुत बदलती रहती है। लेकिन यह सच है कि मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी को ही मनाई जाती है ।
आपके मन में भी यह जिज्ञासा आती होगी कि मकर संक्रांति हर साल एक ही तारीख को क्यों नहीं मनाई जाती? आइए जानते हैं कि सूर्य की गति और खगोलीय घटनाओं के कारण यह त्योहार कभी 14 तो कभी 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है।
क्यों बदलती है तारीख?
सूर्य की गति: सूर्य एक निश्चित गति से पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। यह गति पूरी तरह से एक समान नहीं होती है। कभी यह थोड़ी तेज होती है तो कभी थोड़ी धीमी।
मकर राशि में प्रवेश: सूर्य का मकर राशि में प्रवेश हर साल एक ही समय पर नहीं होता है। कभी यह 14 जनवरी को होता है तो कभी 15 जनवरी को।
चंद्रमा का प्रभाव: चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी पृथ्वी की गति को प्रभावित करती है और इस तरह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय में थोड़ा सा बदलाव आ सकता है।
खगोलीय घटनाओं का प्रभाव
मकर संक्रांति एक खगोलीय घटना है। सूर्य की गति और चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति जैसी खगोलीय घटनाएं इस त्योहार की तारीख को प्रभावित करती हैं।
मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य की गति और खगोलीय घटनाओं से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि इस त्योहार की तारीख हर साल थोड़ी बहुत बदलती रहती है। हालांकि, त्योहार का महत्व और इसकी धार्मिक मान्यताएं हमेशा एक जैसी ही रहती हैं। अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं है करता । किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।