रविवार को नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे ने एक गधे का चित्र लगाकार ट्वीट किया था 'पर आनंदित, पुलकित वैशाखनंदन'। इस पर एक अन्य पत्रकार अजीत अंजुम ने उन्हें नसीहत दी तो पांडे तो उन्हें ब्लॉक ही कर दिया। इसके बाद तो ट्विटर दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए।
मृणाल पांडे के ट्वीट पर अंजुम ने लिखा कि कल प्रधानमंत्री का जन्मदिन था। उनके समर्थन उन्हें अपने ढंग से शुभकामनाएं दे रहे थे। यह उनका हक है, जो पीएम को मानते हैं। भारत का संविधान आपको पीएम का जन्मदिन मनाने या शुभकामनाएं देने के लिए बाध्य नहीं करता।
जश्न के ऐसे माहौल से नाख़ुश हों, ये भी आपका हक़ है, लेकिन पीएम मोदी या उनके जन्मदिन पर जश्न मनाने वाले उनके समर्थकों के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करें, ये क़तई ठीक नहीं है। आप जैसी ज़हीन पत्रकार, लेखिका और संपादक अगर अपनी नाख़ुशी या नापसंदगी ज़ाहिर कहने के लिए ऐसे शब्दों और चित्रों का प्रयोग करेगा, पीएम के समर्थकों की तुलना गधों से करेगा तो कल को दूसरा पक्ष भी मर्यादाओं की सारी सीमाएं लांघकर हमले करेगा तो उन्हें ग़लत किस मुंह से कहेंगे।
इसके बाद अंजुम और मृणाल पांडे के समर्थन में भी उनके समर्थकों ने ट्वीट किए। बाद अंजुम ने एक और ट्वीट किया कि अब देखिए... मृणालजी ने मुझे भी ब्लॉक कर दिया। मैंने तो शब्दों की मर्यादा नहीं खोई थी। उनके लिखे पर मर्यादित ढंग से आपत्ति जताई थी। शुक्रिया मृणाल जी, आपने मुझे ब्लॉक करने के कॉबिल समझा।