वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जोरमथांगा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, जेडपीएम समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के. सपडांगा को 2,504 मतों के अंतर से हराकर आइजोल पूर्वी-1 सीट पर जीत दर्ज की थी। एमएनएफ प्रमुख ने विश्वास जताया कि वे अपनी सीट बरकरार रखेंगे और पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस आरोप को खारिज करते हुए कि एमएनएफ और जेडपीएम दोनों मिजोरम में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवेश के साधन हैं, उन्होंने दावा किया कि एमएनएफ का आरएसएस के साथ कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि एमएनएफ केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से जुड़ा हुआ है, क्योंकि वह कांग्रेस के साथ काम नहीं करना चाहता। एमएनएफ अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी विचारधारा के मामले में भाजपा से पूरी तरह से अलग है। नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में एमएनएफ ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद पार्टी ने 2 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी जिससे उसकी सीट की कुल संख्या बढ़कर 28 हो गई थी।(भाषा)