आर्थि‍क प्रगति में दूरसंचार सेवाओं का योगदान महत्‍वपूर्ण

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भारत की दूरसंचार सेवाओं का भारत की आर्थि‍क प्रगति‍ में महत्‍वपूर्ण योगदान है। टेलीकॉम क्षेत्र ने इस बार प्रत्‍यक्ष रूप देश के सकल घरेलू उत्‍पाद में 1.5% से अधि‍क का योगदान दि‍या है। लोगों और उनके व्‍यवसाय को जोड़ने वाली इन सेवाओं का वि‍कास पर बहुत महत्‍वपूर्ण प्रभाव हुआ है।

यह बात संचार और सूचना प्राद्योगि‍की राज्‍य मंत्री श्री गुरुदास कामत ने मुंबई में टाटा की जीएसएम मोबाइल सेवा लॉन्‍च के अवसर पर कही।

उन्‍होंने कहा की भारत का दूरसंचार उद्योग दुनि‍या का दूसरा सबसे बड़ा वायरलेस मार्केट है जि‍समें वर्तमान में 43 करोड़ 50 लाख वायरलेस उपभोक्‍ता शामि‍ल हैं और 2 013 तक 77 करोड़ 10 लाख उपभोक्‍ताओं तक पहुँचने का लक्ष्‍य है। इसके अलावा 3 करोड़ 76 लाख 60 हजार लैंडलाइन उपभोक्‍ता हैं। भारत में सेल फोन दरें दुनि‍या में सबसे कम हैं।

ग्रामीण भारत में वायरलेस टेक्‍नोलॉजी पहुँचने पर श्री कामत ने संतुष्‍टि‍ जाहि‍र करते हुए कहा कि‍ ग्रामीण क्षेत्रों में फि‍लहाल 74 प्रति‍शत वायरलेस उपभोक्‍ता है जबकि‍ शहरी क्षेत्रों में यह 42 प्रति‍शत उपभोक्‍ता है।

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