अमर खनूजा चड्ढा
कितनी कच्ची और खट्टी कीवी रख दी मां आज मेरे टिफ़िन में, चखकर तो देखना तो था ना। ऑफिस से वापस आते ही अजय ने मां को दो कीवी पकड़ाते हुए कहा, लेकिन दरवाज़ा खोलते हुए मां ने बहू को अजय की तरफ़ इशारा करते देख लिया था।
मां कुछ दिनों के लिए गांव से शहर आई थी। मां ने हैरानी से अपने बेपरवाह बेटे की तरफ़ मुस्कुराते हुए देखा पर कुछ कहा नहीं। गर्भवती बहू के लिए पंद्रह दिन में कुछ फलों के साथ कीवी भी गिनकर एक या दो आती थी। बेटा बहू एक ही ऑफ़िस में काम करते हैं। साथ ही टिफ़िन लेकर जाते थे। उस एक फल की दो फांक वह अपनी बेटे के और दो फांक बहू की टिफ़िन में रख देती थी।