अपनी बिटिया
अपनी बांहों में पाई मैंने।
मेरे रोने पर
तुम छाती से लगा लेती होगी मुझे,
आरज कर देता है मुझे शर्मिंदा,
जब अपनी बेटी को
देर होने पर
डूब जाती हूँ मैं चिंता में।
मेरी सफलता पर तुम्हारी खुशी आज,
जब बेटी
कामयाबी का शिखर चूमती है,
क्षमा कर दोगी मां,