Motivational : सफलता के लिए 5 मंत्रों को याद रख लीजिए

अनिरुद्ध जोशी
बुधवार, 25 अगस्त 2021 (14:16 IST)
क्या सफल व्यक्ति वही है जिसने अपने सभी सपने पूरे कर लिए? कुछ लोग मानते हैं कि सफल व्यक्ति वह है जिसने अपनी जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाया। हालांकि कई लोग यह मानते हैं कि सफल वह है जिसने खूब धन कमाया। कुछ लोग मानते हैं कि वह व्यक्ति सफल है जीसने जिंदगी को भरपूर तरीके से जिया। आप का लक्ष्य कुछ भी हो आओ जानते हैं सफलता के 5 खास मंत्र जिन्हें आप याद रख लें।
 
 
1. समय और पैसा : जीवन में समय और पैसे का बहुत महत्व है यह भी बहुत काम आता है। अच्छे वक्त के लिए समय बचाएं और बुरे वक्त के लिए पैसा बचाएं। यह दोनों ही बहुत काम आएंगे। पैसा गोल्ड या प्रापर्टी के रूप में भी बचाया जा सकता है और समय फालतू के कार्यों को करने से बच-बचाकर भविष्य की योजनाओं में लगाया जा सकता है।
 
2. योग्यता और अवसर : जीवन में अवसर बहुत काम आते हैं। हमारे जीवन में इन्हीं का सबसे बड़ा योगदान होता है। इसीलिए कभी भी अवसर को चूकना नहीं चाहिए। उसे तुरंत ही समझकर लपक लेना चाहिए। लेकिन अवसर का फायदा वही व्यक्ति उठा पाता है जो योग्यता रखता हो। आपमें जितनी ज्यादा योग्यता, हुनर या कुशलता रहेगी आपकी सफलता के चांस उतने ही बढ़ जाएंगे। आपमें सीखने की लगन होना चाहिए। कार्य में कुशलता, भाषा पर कमांड और गणित में मास्टरी से ही संसार चलता है।
 
 
3. प्लान और रिस्क : हर तरह के कार्य के लिए एक प्लान बनाएं और उस प्लान के तहत ही समयपूर्व की कार्य को डन कर दें। यदि कोई काम है जिसे आप कल करना चाहते हो तो यदि संभव होतो आज ही कर लो। कभी भी किसी भी काम को कल पर मत टालो, क्योंकि जो भी है वह आज ही है। दूसरा यह कि जीवन में रिस्क लेना जरूरी है लेकिन ज्यादा या कम रिस्क न लें। रिस्क लें सोच-समझकर कैलकुलेटिव (calculative) रिस्क लें।
 
4. व्यवहार रखो विनम्र और सपनों का करो पीछा : आपने अपने जीवन में जो भी लक्ष्य बना रखे हैं या जो भी बनने का सपना देख रखा है उसका पीछा करो। जी जान से उसके पीछे दौड़ो। ध्यान रखें कि अपने लक्ष्य को कभी बदले नहीं। एक बार अच्‍छे से लक्ष्य को तय कर लें और दौड़ लगाना शुरू कर दें। यदि आप दौड़ रहे हैं तो अहंकार या घमंड से आपका मार्ग रुक जाएगा। इसीलिए हमेशा विनम्र बने रहे और बड़ों का आदर करें। यह याद रखें कि दुनिया में कोई भी अकेला सक्सेस नहीं होता है। सभी को किसी न किसी के सहयोग की आवश्कता होती है।
 
 
5. वाकपटुता और कमजोरी : कई लोग होते हैं जो ज्ञान तो बहुत रखते हैं परंतु समूह में अच्छे से बोलना नहीं जानते या अपनी बात अच्छे ढंग से रखना नहीं जानते हैं। बोलना भी एक कला है। कब, कहां, कैसे और कितना बोलना है यह जीवन में बहुत काम आता है। वाकपटुता के लिए आपको सभी सब्जेक्ट का ज्ञान भी रखना चाहिए। यदि आपको लगता है कि मैं इस विषय में या यहां पर कमजोर हूं तो आप उससे डरे नहीं बल्कि उसका समाधान खोजें। अपनी कमजोरियों से बचने का प्रयास मत करो। उदाहरणार्थ यदि आप अग्रेंजी या गणित में कमजोर हैं तो उसे छिपाएं नहीं या उससे बचने का प्रयास न करें बल्कि उसमें मजबूत बनने का प्रयास करें।
 

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