उन्होंने रसायन मुक्त टिकाऊ खेती, सौर कुकर और ड्रायर का उपयोग करना सिखाया। साथ ही उन्होंने सौर ऊर्जा से खाना पकाने व खाद्य प्रसंस्करण, जल संरक्षण, भोजन की आत्मनिर्भरता और डिटर्जेंट, शैम्पू, टूथपेस्ट और जड़ी-बूटियों सहित दैनिक उपयोग की जरूरतों का आत्मनिर्भर उदाह्र्ण बताया।
उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए उनके द्वारा प्रशिक्षित सोलर ड्रायर, सोलर कुकर, जैविक फार्म को बढ़ावा देने वाले स्टार्ट-अप की सफलता की कहानियां भी साझा कीं। उन्होंने संसाधनों के प्रबंधन को सीखकर अपने गांवों में सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए ग्रामीण समुदायों की क्षमता के बारे में जागरूकता और ज्ञान बढ़ाकर गांवों में ज्ञान, प्रौद्योगिकियों, कौशल और प्रतिबद्धता के साथ युवाओं को प्रशिक्षण और सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
छात्र उनके शून्य अपशिष्ट जीवन को देखकर आश्चर्यचकित रह गए। छात्रों ने जाना कि आज के समय में सस्टेनेबल डेवलपमेंट कितना ज़रूरी है और कैसे इन संसाधनों से अपने जीवन व पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सकता है। साथ ही छात्रों ने सिखा कि अपनी लाइफस्टाइल में कैसे प्राकृतिक संसाधनों और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना है। बढ़ते प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज के कारण इन सभी संसाधनों को अपनाना बहुत ज़रूरी है। संकायों ने इस समृद्ध और प्रेरणादायक अनुभव के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।