वर्तमान में एससी-एक्ट कानून में बदलाव को लेकर सुलगते मुद्दे भी कुछ यही इशारा कर रहे हैं। एससी/एसटी कानून को लेकर कुछ सवर्ण संगठनों द्वारा 6 सितम्बर को ‘भारत बंद’बुलाया गया है जिस के चलते पूरे मध्यप्रदेश में पुलिस अलर्ट है। प्रदेश के तीन जिलों मुरैना, भिण्ड एवं शिवपुरी में तत्काल प्रभाव से धारा 144 लगा दी गई है और यह 7 सितम्बर तक प्रभावी रहेगी। इसके साथ ही प्रदेश के सभी 51 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।
खास बात यह है कि इस साल के अंत में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं और सत्ताधारी पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। राजनीतिक पार्टियों को जाति आधारित राजनीति करना जितना आसान लगता है, उतना ही मुश्किल उनके लिए एससी एसटी एक्ट जैसे मुद्दों पर जनता पर पकड़ बनाना है।
एक तरफ सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनौती यह है कि चुनावी साल में वह किसी को नाखुश नहीं कर सकती, अन्यथा वर्ग विशेष के वोटों से उसे हाथ भी धोना पड़ सकता है। ऐसे में पार्टी की कोशिश जरूर बीच का रास्ता निकालने की होगी और विपक्ष इन मुद्दों को अपने पक्ष में भुनाने की भरपूर कोशिश में है।