भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा जहां पंद्रह साल बाद भी अपने चुनावी अभियान में दिग्विजयसिंह के शासनकाल में सूबे की खराब हालत को लेकर कांग्रेस के घेर रही है, वहीं कांग्रेस ने अब भाजपा पर काउंटर अटैक करते हुए शिवराज सरकार के कामकाज को टारगेट करने का फैसला किया है।
शिवराज सरकार को घेरने के लिए अब कांग्रेस ने पिछले पंद्रह साल में सरकार के कामकाज को टारगेट करने का फैसला किया है। इसके लिए कांग्रेस ने शनिवार को सरकार से पहला सवाल किया है। इसके लिए कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ऐसी रिपोर्ट का सहारा लिया है, जिसमें अब तक शिवराज सरकार की रिपोर्ट अच्छी नहीं आई है।
1. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर 1117 चाहिए - 817 पद खाली।
2. प्रसूति एवं स्त्री, बाल रोग सर्जन/विशेषज्ञ डॉक्टर 1236 चाहिए, उपलब्ध सिर्फ 180 और 1056 डॉक्टरों की कमी।
3. नर्सिंग स्टाफ-1413 पद खाली
4. रेडियो ग्राफर-136 पद खाली
5. फॉर्मेसिस्ट-218 पद खाली
8. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य कर्मी- 2174 पद खाली
9. उपकेंद्रों में पुरुष स्वास्थ्यकर्मी- 5458 पद खाली
10. पीएचसी में स्वास्थ्य सहायक -628 पद खाली
11. प्रतिव्यक्ति स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का खर्च मात्र 716 रुपए (राज्यों में सबसे निचले क्रम पर ) GSDP का मात्र 1.04%
(डिंडोरी, छतरपुर, शहडोल, टीकमगढ़, बड़वानी, पन्ना, सीधी, झाबुआ, अलीराजपुर, मंडला, दमोह, सतना, अशोकनगर, श्योपुर, विदिशा, सिंगरौली, खंडवा, राजगढ, गुना, सिंगरौली। सोर्स:- (31 जुलाई 2018-अतारांकित प्रश्न संख्या (1550) राज्यसभा, NHP -2018, RHS-2017, NHM-(HPDs) रिपोर्ट)। -40 दिन 40 सवाल- 'मोदी सरकार के मुंह से जानिए, मामा सरकार की बदहाली का हाल' 'हार की कगार पर मामा सरकार'।
कमलनाथ के सरकार पर सीधे हमले के बाद इतना तो साफ है कि कांग्रेस ने अब अपने चुनावी हथियारों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, वहीं कमलनाथ से शिवराज सरकार से सवाल पूछने पर भाजपा ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के नेता केवल ट्विटर के जरिए ही सवाल पूछने की हिम्मत दिखा सकते हैं। क्योंकि कांग्रेस ने जमीन पर कभी कोई काम किया ही नही है। वहीं भाजपा अपने कामों को जनता के बीच लेकर उसके बल पर प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाएगी।