सिंधिया ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने लगभग 40 जिलों का दौरा किया। सभी तरफ से परिवर्तन के स्वर गूंज रहे हैं। अब जनता परिवर्तन चाहती है तथा 14 साल के भारतीय जनता पार्टी के बेमिसाल कार्यकाल में प्रदेश बेहाल हो गया है। युवाओं के लिए रोजगार नहीं है, किसानों के लिए बिजली पूरी नहीं मिलती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री घोषणाएं कर जाते हैं, पर उन पर अमल नहीं होता।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता मतदान की तारीख का इंतजार कर रही है। वर्तमान सरकार के बोरिया-बिस्तर बांधने का समय आ चुका है। मध्यप्रदेश में बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन अभी नहीं हो पाया है, लेकिन चर्चा अभी भी चल रही है। प्रदेश में कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची किस्तों में ही निकलेगी। यह सूची 2 या 3 किस्तों में निकल सकती है। 1-1 सीट पर पूर्ण रूप से चर्चा के बाद सूची जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हम भाजपा नेताओं की तरह यह नहीं कहते कि 'अबकी बार 200 के पार', लेकिन हम यह जरूर कहते हैं कि 'कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलेगा।' उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में भ्रष्टाचार का इतिहास रचा है तथा भ्रष्टाचार का विकेंद्रीकरण भी किया है। सिंधिया ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम संशोधन के बारे में कहा कि उनकी स्पष्ट सोच यही है कि केंद्र एवं प्रदेश में जिसकी सरकारें हैं। आज समय आ गया है उनके जवाब देने का।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राफेल ढील में भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत सरकार ने उनसे डील करने के लिए कहा कि यूपीए सरकार ने 126 एयरक्राफ्ट का सौदा 67 हजार करोड़ में किया था जबकि एनडीए सरकार ने 36 एयरक्राफ्ट का सौदा 65 हजार करोड़ में किया है। इससे यह प्रतीत होता है कि मामले में भ्रष्टाचार हुआ है और यह राष्ट्र के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भले ही बुलेट ट्रेन न चला पाई हो, लेकिन डीजल एवं पेट्रोल के दाम बुलेट ट्रेन की गति से बढ़ रहे हैं जिससे आम आदमी परेशान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सही कहते हैं कि जो 70 वर्षों में नहीं हो पाया, वह उनकी सरकार ने कर दिया। रुपए की कीमत भी इतनी घट गई कि वह कोमा में चली गई है। पाकिस्तान के मसले पर भी उनकी कोई स्पष्ट नीति नहीं है। एक दिन कहते हैं कि चर्चा होगी फिर कहते है कि कोई चर्चा नहीं की जाएगी। कश्मीर में जवानों की हत्या हो रही है और सरकार बार-बार बयान बदल रही है। (वार्ता)