भोपाल। 15 साल से सत्ता में काबिज भाजपा को इस बार टिकट को लेकर जितने विरोध का सामना करना पड़ रहा है, उतना अब से पहले कभी नहीं हुआ। भाजपा में टिकट को लेकर जो रस्साकशी है, उसे सियासत के जानकार पार्टी के लिए शुभ नहीं बता रहे हैं।
पार्टी में सबसे अधिक टिकट को लेकर टेंशन भोपाल की वीआईपी सीट मानी जाने वाली गोविंदपुरा सीट को लेकर है। इस सीट पर भाजपा के दावेदारों की संख्या देखकर 'एक अनार सौ बीमार' वाली कहावत एकदम ठीक बैठती है। इस सीट से लगातार 10 बार से विधायक और पार्टी के दिग्गज नेता बाबूलाल गौर इसे किसी भी हालत में अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं।
बाबूलाल गौर ने साफ कर दिया है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद उनको एक बार और चुनाव लड़ने को बोल दिया दिया है, तो उनका टिकट कौन काट सकता है? बाबूलाल गौर ने कहा कि उनको पूरा विश्वास है कि पार्टी उनको ही टिकट देगी।
गौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब मुझे प्रधानमंत्री कहकर गए हैं तो टिकट क्यों नहीं मिलेगा? गौर ने कहा कि पीएम खुद कहकर गए कि 'बाबूलाल गौर, एक बार और'। बाबूलाल गौर ने कहा कि वे बीजेपी के टिकट पर ही गोविंदपुरा से चुनाव लड़ेंगे।
दूसरी ओर बाबूलाल गौर की बहू और गोविंदपुरा सीट से दूसरी दावेदार कृष्णा गौर ने कहा कि उनको पार्टी पर पूरा विश्वास है और पार्टी गोविंदपुरा सीट से सही निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि उनकी खुद मुख्यमंत्री से बात हुई है और उन्होंने भरोसा जताया कि आप मेरी बहन हो और आपका ध्यान रखा जाएगा, वहीं निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलों को कृष्णा गौर ने खारिज किया।
वहीं गोविंदपुरा सीट को लेकर भाजपा के अन्य दावेदार अब खुलकर गौर के विरोध में आ गए हैं। गोविंदपुरा से टिकट के दावेदार तपन भौमिक ने गौर परिवार की 'प्रेशर पॉलिटिक्स' को सही नहीं ठहराते हुए कहा कि पार्टी में इसका कोई स्थान नहीं है। वहीं बाबूलाल गौर के बयान को लेकर पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने कभी गौर को टिकट देने का आश्वासन नहीं दिया था।