पार्टी ने एट्रोसिटी से जुड़े मामलों को गैरजमानती बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई। पार्टी ने सवाल पूछा है कि राम मंदिर मामले में सरकार बार-बार यह कहती है कि सुप्रीम कोर्ट जो भी न्याय करेगा वह उन्हें मंजूर होगा फिर एट्रोसिटी एक्ट के मामले में ऐसा क्या हो गया की देश की 78% जनता सामान्य, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक की सुरक्षा और सम्मान को दांव पर लगाकर तथा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवज्ञा कर संसद में आनन-फानन में एट्रोसिटी संशोधन बिल पास कर दिया गया।