इसका खामियाजा आने वाले समय में कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा.कांग्रेस को सत्ता से गये अभी मात्र चार साल हुए है, किन्तु जिस तरह से कांग्रेस तिलमिलाई है उससे यह अंजादा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस सब कुछ अपने अनुसार चाहती है, जिसकी वह अभ्यस्त भी रही है लेकिन, अब उसके अधिकार सिमट कर रह गए हैं। जनता हर चुनाव में कांग्रेस को खारिज़ कर रही है। चुनाव में मिल रही राजनीतिक हार अपनी जगह है किन्तु “हिन्दू आतंकवाद’, राम काल्पनिक हैं, माले गावं ब्लास्ट, मक्का मस्जिद ब्लास्ट तीन तलाक, जस्टिस लोया जैसे मामलों में कांग्रेस की जो वैचारिक हार हुई है, वह कांग्रेस की छटपटाहट और बौखलाहट का मुख्य कारण है।