कोरोना संकट के बाद बदल जाएगी दुनिया, होंगे ये 10 बदलाव

अनिरुद्ध जोशी
सोमवार, 27 अप्रैल 2020 (18:08 IST)
कोरोना वायरस के वैश्विक संकट के बाद युग बदलने वाला है। परिवार, समाज और देश में हमें बदलाव देखने को मिलेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो निश्चित ही हमें फिर से महामारी के किसी अन्य महासंकट में फंसने के लिए तैयार रहना होगा। आओ जानते हैं कि क्या-क्या बदलने वाला है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने कहा कि हर संकट एक नया अवसर और एक नया बदलाव लेकर आता है। जो बदल गया वो दुनिया भी बदलेगा।

 
1. सोशल डिस्टेंस : अब लोगों को कम से कम वर्ष भर तक तो सोशल डिस्टेंस रखना ही होगा। इसके लिए बस, ट्रेन, ऑफिस, स्कूल, ऑडिटोरियम, सिनेमाहाल आदि सभी सार्वजनिक जगहों पर सीटिंग अरेंजमेंट बदलना होगी। लोगों को एक दूसरे से हाथ मिलाना और गले मिलना छोड़ना होगा। छोटे-बड़े सभी शॉपिंग मॉल और दुकानों पर भी इस बात का ध्यान रखना होगा। मास्क और सेनेटाइजर हमेशा अपने पास ही रखना होगा। 

 
2. डिजिटल पेमेंट : अब रुपयों के लेन-देने से भी बचना जरूरी होगा। इसके लिए मोबाइल से पेंमेंट करने की आदत डालना होगी। लॉकडाउन में बिजली, पानी, क्रेडिट कार्ड व फोन जैसी सुविधाओं के बिलों का ऑनलाइन भुगतान 73 फीसदी तक बढ़ा है। फाइनेंशियल कंपनी, रेजर पे की रिपोर्ट में लॉकडाउन से पहले और बाद के नतीजों का विश्लेषण किया गया है। डिजिटल पेमेंट में 43 फीसदी के साथ यूपीआई सबसे आगे रहा। इसी के चलते आने वाले समय में अब साइबर सुरक्षा पर फोकस रहेगा। 

 
3. बदलेगा वर्क कल्चर : आने वाले समय में बहुत तेजी से वर्क कल्चर बदलेगा। कई कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम का प्रचलन बढ़ेगा। इससे महिलाओं के लिए अवसर बढ़ेंगे। आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाओं के लिए जॉब सर्च पोर्टल जॉब्सफॉरहर पर घर से काम वाली नौकरियों की संख्या पिछले एक महीने में बीते साल की इसी अवधि के मुकाबले 30 पर्सेंट तक बढ़ गई है। वर्क फ्रॉम होम कैटिगरी के अंतर्गत जिन नए पदों पर भर्ती हो रही है, उनमें मेडिकल कॉन्टेंट राइटर, वेब डिवेलपर और डिजाइनर, आर्ट थेरपिस्ट, कॉपीराइट और पेटेंट प्रफेशनल, SAP टेक्नोकंसल्टेंट और UI/UX प्रॉजेक्ट मैनेजर, ASP डॉटनेट डिवेलपर्स और पाइथन प्रोग्राम डिवेलपर जैसे पोस्ट शामिल हैं। वर्क फ्रॉम होम प्रोफाइल पर ऐमजॉन, EY, आनंद राठी, किबर्ले-क्लार्क के साथ मल्टीभाषी, उफाबेर एजुटेक, क्रेसेंडो ट्रांसक्रिप्शन और हेमोजिनॉमिक्स जैसी कंपनियां नौकरी के ऑफर दे रही हैं।

 
4. बचत बढ़ेंगी : लॉकडाउन ने लोगों को बहुत कुछ सिखा दिया है। वक्त के साथ बदलना अब जरूरी है। अब लोग फालतू खर्च नहीं करेंगे। अब लोग फालतू ही घूमने-फिरने और रेस्टोरेंट में खाने से कतराएंगे। मंगनी, शादी आदि मांगलिक कार्य और अन्य प्रोग्राम भी कम खर्चिले हो सकते हैं। अधिकतर लोग अब अपनी बचत पर ध्यान देंगे। बचत बढ़ने का अर्थ यह है कि लोग कम खर्च करेंगे। बहुत जरूरी आवश्यकताओं की वस्तुओं का संग्रह करेंगे।

 
5. घर का महत्व बढ़ेगा : अब आने वाले समय में जो लोग यह मानते थे कि खुद का घर लेने की क्या जरूरत है किराए के घर में रहकर ही जिंदगी गुजारी जा सकती है। ऐसे लोगों की अब सोच बदलेगी। लोग अब अपनी प्राथमिकताओं में घर को सबसे ऊपर रखेंगे। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने घर के बजाय दुकान खरीदने को ज्यादा महत्व दिया है अब वे भी घर खरीदने पर विचार करेंगे। घर है तो संसार है।

 
6. इंटरनेट का प्रचलन बढ़ेगा : अब लोग इंटरनेट का महत्व पहले की अपेक्षा ज्यादा समझेंगे। उसका सही उपयोग करना सिखेंगे। अब व्यापार जगत, आईटी सेक्टर, अन्य कंपनियां ही नहीं आम व्यक्ति की वीडियो कॉफ्रेंसिंग और ऑनलाइन कार्य को महत्व देगा। ज्यादा से ज्यादा लोग इंटरनेट फ्रेंडली बनेंगे।

 
7. प्रचार, धरना और प्रदर्शन : आने वाले समय में अब धरना और प्रदर्शन का स्वरूप भी बदलेगा। समझदार लोग प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे। सरकारें भी इन पर रोक लगाने के लिए ‍कुछ न कुछ कानूनी उपाय खोजने लगेगी।

 
8. सामाजिक व्यवहार बदलेगा : अब लोग पहले की अपेक्षा अधिक हाइजेनिक होंगे। जो नहीं होंगे उनसे लोग दूरी बनाकर रखेंगे। जो इस आदत को अपनाए रखेगा वह खुद को और अपने परिवार सहित समाज को भी बचा कर रखेगा। स्वच्छता मिशन पर और अधिक तेजी से कार्य किया जाएगा। डर इस बात का है कि कहीं लोग छुआछूत और भेदभाव को बढ़ावा ना दें। लेकिन यह तय है कि अब समाज में बदलाव होंगे। सामाजिक व्यवहार बदलने के अर्थ है कि अब लोगों की लाइफ स्टाइल भी चेंज होगी।

 
9. वैज्ञानिक सोच भी बदलेगी : यह एक ऐसा संकट है जिसने चिकित्सा विज्ञानिकों के साथ ही अन्य वैज्ञानिकों के समक्ष भी चुनौती खड़ी कर दी है। इससे विज्ञान के सभी क्षेत्रों में हमें बदलाव देखने को मिलेंगे। जैसे अब पहले कि अपेक्षा अच्छी और आधुनिक चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा के बारे में सोचा जाएगा। सैनिकों और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए भी अब नए तरीके से सोचने का मौका मिलेगा। हर क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। सभी तरक की तकनीक को अपडेट किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक और इनोवेशन के जरिये मानव एक नए युग में प्रवेश करेगा। 

 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-न कुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है। सब देशवासियों ने जो संकल्प शक्ति दिखाई है, उससे, भारत में एक नए बदलाव की शुरुआत भी हुई है। हमारे बिजनेस, हमारे दफ्तर, हमारे शिक्षण संस्थान, हमारे मेडिकल सेक्टर, हर कोई तेजी से नए तकनीकी बदलावों की तरफ बढ़ रहे हैं।

 
10. लॉकडाउन बनेगा समाज का अंग : लॉकडाउन के जितने नुकसान है उतने ही फायदे हैं। दुनिया अब उन फायदों पर ध्यान देंगे जो लॉकडाउन से मिल सकते हैं। इससे हमारी धरती अपने स्वरूप में पुन: लौट आई है। लोग पहले की अपेक्षा खुद को ज्यादा स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। घर में ही कसरत, योग के अलावा कुछ ऐसा कार्य भी करने लगे हैं जो कि रचनात्मक है। लोगों को अब यह तो समक्ष आ ही गया है कि किसी भी बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है क्वारंटाइन हो जाना।
 

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